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NTRO सर्विलांस में दावा, बालाकोट कैंप में 300 मोबाइल कनेक्शन थे सक्रिय

सूत्रों ने बताया है कि NTRO ने भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में कैंप को टारगेट करने के लिए मिले क्लीयरेंस के बाद सर्विलांस शुरू कर दी थी.

Updated on: 04 Mar 2019, 07:54 PM

नई दिल्ली:

पाकिस्तान के बालाकोट में 26 फरवरी को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के ट्रेनिंग कैंप पर भारतीय वायुसेना के एयरस्ट्राइक से पहले वहां 300 मोबाइल कनेक्शन सक्रिय थे. भारतीय एजेंसी ने इसकी पुष्टि की है. सूत्रों ने बताया है कि राष्ट्रीय तकनीक शोध संगठन (NTRO) ने भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में कैंप को टारगेट करने के लिए मिले क्लीयरेंस के बाद सर्विलांस शुरू कर दी थी. 26 फरवरी को पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में घुसकर भारतीय वायुसेना के 12 मिराज 2000 लड़ाकू विमानों ने बालाकोट में आतंकी कैंप पर 1000 किलोग्राम के बम गिराए थे.

सूत्रों ने बताया, 'तकनीकी सर्विलांस के दौरान, यह सामने आया है कि स्ट्राइक से पहले कैंप के अंदर करीब 300 मोबाइल फोन सक्रिय थे. भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने कैंप को तहस-नहस कर दिया था.'

सूत्रों ने कहा कि दूसरी खुफिया एजेंसियों ने भी एनटीआरओ के सर्विलांस की पुष्टि की थी, जिसमें इतनी ही संख्या की बात की गई थी. सरकार के द्वारा एयरस्ट्राइक में मारे गए आतंकियों की संख्या की घोषणा नहीं की गई है.

वायुसेना प्रमुख बी एस धनोआ ने सोमवार को बालाकोट हवाई हमले में मारे जाने वाले लोगों की संख्या के बारे में कोई टिप्पणी करने से इंकार किया और कहा कि इस बारे में जानकारी सरकार देगी और वायुसेना केवल यह देखती है कि निशाना लगा या नहीं.

उन्होंने कहा कि वायु सेना यह बताने की स्थिति में नहीं है कि कितने लोग मारे गए. धनोआ ने कहा, 'हम मरने वालों की गिनती नहीं करते. हम बस इतना गिनते हैं कि कितने ठिकानों पर निशाने लगे और कितनों पर नहीं.'

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वायुसेना प्रमुख ने कहा कि अभियान के बाद क्षति आकलन में केवल उन लक्ष्यों की गिनती की जाती है जिनपर निशाना लगा और जिनपर नहीं. धनोआ ने कहा, 'हम मरने वाले लोगों की गिनती नहीं करते. यह इस बात पर निर्भर करता है कि वहां कितने लोग मौजूद थे.' उन्होंने कहा कि मारे गए आतंकवादियों की संख्या के संबंध में बयान सरकार जारी करेगी.

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आत्मघाती हमले का जवाब देते हुए भारत ने 26 फरवरी को यह एयरस्ट्राइक किया था. पुलवामा हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे. हमले के तुरंत बाद जैश ने इसकी जिम्मेदारी ली थी.

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भारत द्वारा बालाकोट में एयरस्ट्राइक किए जाने के कुछ घंटों के बाद विदेश सचिव विजय के गोखले ने कहा था, 'आज (26 फरवरी) तड़के खुफिया अभियान में बालाकोट में जेईएम के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर भारत ने हवाई हमला किया.'

उन्होंने आतंकियों के मारे जाने की संख्या को बिना बताए कहा था, 'इस अभियान में जेईएम के बड़ी संख्या में आतंकवादियों, प्रशिक्षकों, वरिष्ठ कमांडरों व जिहादियों के समूह को मार गिराया गया. इन्हें फिदायीन हमले के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा था.'