नोटबंदी की चौथी वर्षगांठ पर एनएसयूआई जंतर-मंतर पर किया प्रदर्शन
विरोध प्रदर्शन कर रहे एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा, आज नोटबंदी को चार वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन देश आज भी इसका दुष्परिणाम भुगत रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक गलत फैसले के कारण आज पूरे देश में बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है.
नई दिल्ली:
नेशनल स्टूडेंट युनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने नोटबंदी की चौथी वर्षगांठ पर अर्थव्यवस्था एवं नोटबंदी की अर्थी जलाकर विरोध प्रदर्शन किया. एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने ये विरोध-प्रदर्शन एनएसयूआई मुख्यालय से जंतर मंतर तक किया. मौके पर मौजूद पुलिस ने विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं और एनएसयूआई अध्यक्ष को गिरफ्तार कर लिया गया. विरोध प्रदर्शन कर रहे एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा, आज नोटबंदी को चार वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन देश आज भी इसका दुष्परिणाम भुगत रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक गलत फैसले के कारण आज पूरे देश में बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है. जिसका खामियाजा इस देश का युवा एवं छात्र वर्ग भुगत रहे हैं.
कार्यकर्ताओं ने कहा , नोटबंदी की वजह से देश में उपजी बेरोजगारी के कारण आज भी देश के कुछ घरों में चूल्हा नही जलता है तथा जिन्होंने अपने परिवार को खोया, वह लोग आज भी सदमें में है, एनएसयूआई इस सबके लिए सीधे-सीधे मोदीजी को जिम्मेदार ठहराती है.
यह भी पढ़ें-नोटबंदी के 4 साल पूरे, राहुल गांधी ने बताया राष्ट्रीय त्रासदी, पीएम मोदी पर किया वार
'नोटबंदी' या 'नोटबदली'
आपको बता दें कि साल 2016 में 8 नवंबर की रात 12 बजे के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने 500 और 1,000 रुपए के नोटों का टेंडर रद्द कर दिया था. पीएम मोदी ने इन नोटों की जगह 500 और 2000 रुपये के नए नोट जारी किए थे. अगर हम एक तकनीकी तौर पर बात करें तो ये 'नोटबंदी' नहीं, बल्कि 'नोटबदली' थी. पीएम मोदी के इस कदम से देश के एक अरब से अधिक लोग प्रभावित हुए थे. साल 2016 में पीएम मोदी के लिए गए इस फैसले को देश के इतिहास में सबसे ज्यादा असर डालने वाले आर्थिक नीतिगत फैसले के तौर पर जाना जाएगा.
यह भी पढ़ें-BJP नेता का दावा- नोटबंदी के समय सूरत में हुआ था 2 हजार करोड़ का घोटाला
देशवासियों पर हुआ था नोटबंदी का ये असर
पीएम मोदी के नोटबंदी के ऐलान के बाद देश में नकदी का संकट आ गया था लोग पैसे निकालने के लिए बैंकों में लंबी-लंबी लाइनें लगाकर खड़े थे. देश के करोड़ो परिवारों के पास नकदी का संकट आ गया था. कितनी शादियां रद्द कर दी गईं, छोटे दुकानदारों को नकदी संकट के चलते अपनी दुकानें बंद करनी पड़ीं इसके अलावा देश की आर्थिक गतिविधियां भी बाधित हो गई थी. देश में नकदी का संकट खड़ा हो गया था. तत्कालीन स्टैंड अप कॉमेडियन देश में नकदी के हालात को लेकर नई नई पैरोडी बना रहे थे. देश का ऐसा माहौल इस वजह से भी था क्योंकि भारत 95 प्रतिशत ग्राहक लेन देन नकदी में ही होते हैं.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Ayush Sharma Trolling: 'मुझे जानवर जैसा समझा...'ट्रोलर्स के कमेंट्स पर रो पड़े आयुष शर्मा, कह दी इतनी बड़ी बात
-
Thalapathy Vijay Inured: घायल हुए साउथ एक्टर थलापति विजय, फैंस ने स्पॉट किए चोट के निशान
-
Arijit Singh Birthday: इंडियन आइडल में रिजेक्शन से सलमान खान संग झगड़े तक, ऐसी रही अरिजीत सिंह की जर्नी
धर्म-कर्म
-
Budh Grah Margi 2024: सावधान!! आज शाम ग्रहों के राजकुमार बदल रहे हैं अपनी चाल, इन राशियों के लिए हैं खतरनाक
-
Maa Lakshmi Puja For Promotion: अटक गया है प्रमोशन? आज से ऐसे शुरू करें मां लक्ष्मी की पूजा
-
Guru Gochar 2024: 1 मई के बाद इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से बृहस्पति देव भर देंगे इनकी झोली
-
Dharma According To Ramayana: रामायण के अनुसार धर्म क्या है? जानें इसकी खासियत