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भारत ने आतंकियों की बातचीत को किया इंटरसेप्ट, 230 आतंकी घुसपैठ को तैयार

एनएसए डोभाल ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि उसके मंसूबे कामयाब नहीं होने वाले हैं क्योंकि कश्मीर में पूरी तरह से शांति है.

Updated on: 07 Sep 2019, 02:29 PM

highlights

  • एनएसए ने बताया पाक परस्त आतंकियों की बातचीत इंटरसेप्ट की गई.
  • पाकिस्तान में बैठे उनके सरपरस्त आतंकी घटनाओं के लिए 'ललकार' रहे.
  • नेताओं की हिरासत कानून सम्मत और सिर्फ ऐहितियातन.

नई दिल्ली:

राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने एक बार फिर पाकिस्तान की नीयत पर संदेह जताते हुए खुलासा किया है कि 230 पाकिस्‍तानी आ‍तंकवादी भारत में घुसपैठ की फिराक में हैं. यही नहीं, पाकिस्तान ने अपनी नापाक हरकतों को अंजाम देने के लिए सीमा पार के 20 किमी के इलाके में संचार टॉवर भी स्थापित किए हैं. एनएसए डोभाल ने स्पष्ट किया कि पाकिस्‍तान आतंकवाद को प्रोत्साहित कर जम्‍मू-कश्‍मीर में समस्‍याएं पैदा करने की कोशिशें कर रहा है, लेकिन हम पाकिस्‍तानी आतंकियों से जम्‍मू-कश्‍मीर के लोगों के जीवन की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं.

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आतंकियों की संदेश पकड़े गए
एनएसए अजित डोभाल ने बताया कि सीमा पार घुसपैठ को तैयार बैठे आतंकियों को देखा गया है. इनमें से कुछ घुसपैठ कर चुके हैं, तो कुछ को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान सीमा पार स्थापित किए गए संचार टॉवरों से प्रेषित कुछ संदेशों को पकड़ा गया है. इन संदेशों से पता चलता है कि जम्मू-कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान के हुक्मरानों और सैन्य प्रतिष्ठान में बौखलाहट है. इन संदेशों में आतंकियों के पाकिस्तान में बैठे आका उन्हें कुछ कर गुजरने के लिए ललकारते नजर आ रहे हैं. एक संदेश में आतंकियों से कहा गया है, 'सेब से भरे कितने सारे ट्रकों की आवाजाही हो रही है, क्या तुम उन्हें रोक नहीं सकते? क्या इसके लिए हम तुम्हें चूड़ियां नहीं भेज दें?'

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कश्मीरी आवाम की सुरक्षा के लिए केंद्र प्रतिबद्ध
आतंकियों की घुसपैठ से आगाह करते हुए एनएसए ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार कश्मीरी आवाम की पाकिस्तानी आतंकियों से जान-माल की हिफाजत के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. इसके लिए भले ही हमें प्रतिबंध लागू क्यों न करने पड़े हों. उन्होंने साफ कहा कि पाकिस्तान के पास आतंक के जरिये ही गड़बड़ फैलाने का एकमात्र विकल्प बचा हुआ है. पाकिस्तान अपने मकसद में सफल नहीं हो सकेगा. वह यहां के युवाओं को अब और नहीं भड़का सकेगा.

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92.5 फीसदी हिस्से से पाबंदियां हटी
इसके साथ ही एनएसए अजित डोभाल ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में हालात तेजी से सामान्‍य हो रहे हैं. राज्‍य के भौगोलिक क्षेत्र के 92.5 फीसदी हिस्‍से से पाबंदियां हटा ली गई हैं. जम्‍मू-कश्‍मीर के 199 पुलिस थाना क्षेत्रों में से केवल 10 में ही पाबंदियां लागू हैं. राज्‍य में 100 फीसदी लैंड लाइन सेवाएं बहाल कर दी गई हैं. उन्होंने कहा कि वह पूरी तरह आश्‍वस्‍त हैं कि अधिकांश कश्‍मीरी अनुच्‍छेद-370 हटाने के समर्थन में हैं. उनके मुताबिक राज्‍य के लोग सरकार के फैसले को बेहतरी, आर्थिक खुशहाली और रोजगार के अवसरों के तौर पर देख रहे हैं.

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केवल आतंकियों से लड़ रही सेना
आवाम को सेना के प्रताड़ित और उत्पीड़ित किए जाने की खबरों का खंडन करते हुए एनएसए डोभाल ने कहा कि भारतीय सेना तो केवल आतंकियों से मोर्चा संभाल रही है. ऐसे में सेना द्वारा परेशान किए जाने का तो सवाल ही नहीं उठता. राज्‍य में शांति और आंतरिक सुरक्षा व्‍यवस्‍था की जिम्‍मेदारी तो राज्‍य की पुलिस और कुछ केंद्रीय बल संभाल रहे हैं. सोपोर में घायल हुई ढाई साल की बच्ची को इलाज के लिए एम्स लाने के निर्देश दे दिए गए हैं.

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नेताओं पर आपराधिक मुकदमा नहीं
एनएसए अजित डोभाल ने स्पष्ट कहा कि जम्मू-कश्मीर के नेताओं को ऐहितियातन हिरासत में लिया गया है. उन्हें खुली छूट देने से कानून-व्यवस्था के लिए कुछ समस्याएं आ सकती हैं. उनकी सभाओं में आने वाली भीड़ का फायदा आतंकी तत्व उठा सकते हैं. इसके साथ ही डोभाल ने यह भी साफ किया कि किसी भी नेता पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज नहीं किया है. जेके के नेताओं की हिरासत कानून सम्मत है, वह चाहें तो इसे अदालत में चुनौती दे सकते हैं. उन्हें तब तक ऐहितियातन हिरासत में रखा जाएगा जब तक लोकतंत्र के फलीभूत होने लायक माहौल नहीं बन जाता है. इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि यह दिन भी जल्द ही आएगा.