Advertisment

राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पारित हुआ तो एनडीए से तोड़ेंगे नाता: मेघालय सीएम

एनपीपी मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन कर रही है, वहीं मेघालय में एनपीपी के नेतृत्व वाली मेघालय लोकतांत्रिक गठबंधन सरकार का बीजेपी समर्थन कर रही है.

author-image
saketanand gyan
एडिट
New Update
राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पारित हुआ तो एनडीए से तोड़ेंगे नाता: मेघालय सीएम

एनपीपी की बैठक के दौरान मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा (फोटो : @SangmaConrad)

Advertisment

मेघालय के मुख्यमंत्री और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के अध्यक्ष कोनराड संगमा ने शनिवार को कहा कि अगर केंद्र सरकार नागरिकता संशोधन बिल को राज्यसभा में पारित करेगी तो उनकी पार्टी एनडीए से अलग हो जाएगी. उन्होंने कहा कि एनपीपी में जनरल बॉडी मीटिंग में यह फैसला कर लिया है. संगमा ने कहा कि इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया जा चुका है और इसे नरेन्द्र मोदी सरकार को सौंपा जाएगा. शनिवार को पार्टी की बैठक के दौरान कोनराड संगमा को एक बार फिर एनपीपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था.

उन्होंने कहा, 'पार्टी ने नागरिकता संशोधन बिल 2016 का एकमत से विरोध करने का संकल्प लिया और इस निर्णय के आधार पर बिल का विरोध करते हुए एक प्रस्ताव भारत सरकार को सौंपा जाएगा कि राज्यसभा में इसे नहीं लाया जाय.'

अभी हाल ही में मुख्यमंत्री ने कहा था कि उनकी पार्टी नागरिकता संशोधन बिल के मुद्दे पर एनडीए सरकार से अलग होने का निर्णय 'उचित समय' पर करेगी. पूर्वोत्तर में 11 राजनीतिक पार्टियां इस विधेयक के खिलाफ एकजुट होकर मोदी सरकार से इसे रद्द करने की मांग की थी.

एनपीपी मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन कर रही है, वहीं मेघालय में एनपीपी के नेतृत्व वाली मेघालय लोकतांत्रिक गठबंधन सरकार का बीजेपी समर्थन कर रही है.

नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ असम, मणिपुर, मेघालय और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में पिछले कई महीनों से एक बड़ा तबका प्रदर्शन कर रहा है. इस विधेयक को लोकसभा में पारित किया जा चुका है लेकिन राजनीतिक दलों के विरोध की वजह से राज्यसभा में इसे पारित नहीं किया जा सका था.

और पढ़ें : कर्नाटक के सीएम कुमारस्वामी ने कहा- अगर येदियुरप्पा वाली ऑडियो क्लिप निकली फर्जी तो ले लूंगा राजनीति से संन्यास

इससे पहले 8 जनवरी को लोकसभा में इस विधेयक के पारित होने के बाद संगमा ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा था कि बीजेपी से संबंध तोड़ने पर वह अपनी पार्टी के नेताओं से चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा था, 'इस विधेयक का पारित होना दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि हमने इसका व्यापक तौर पर विरोध किया है.'

असम में लग चुका है बीजेपी को झटका

केंद्र में बीजेपी सरकार को इस बिल के खिलाफ भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है. इससे पहले असम में एनडीए की सहयोगी असम गण परिषद (एजीपी) ने राज्य सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था. वहीं असम में बीजेपी के एक नेता मेंहदी आलम बोरा ने पार्टी से इस्तीफा भी दे दिया था. वहीं बिहार में बीजेपी की सहयोगी जनता दल (यूनाइटेड) भी राज्यसभा में इस विधेयक का विरोध करने की बात कह चुकी है.

और पढ़ें : TMC विधायक सत्यजीत बिस्वास की गोली मारकर हत्या, पार्टी ने बीजेपी पर लगाया आरोप, कहा- दोषियों को दी जाएगी सजा

इसके अलावा कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) समेत कुछ अन्य पार्टियां भी लगातार इस विधेयक का विरोध कर रही हैं. उनका दावा है कि धर्म के आधार पर नागरिकता नहीं दी जा सकती है क्योंकि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है.

Source : News Nation Bureau

Conrad Sangma NDA Government BJP Meghalaya नागरिकता बिल कोनराड संगमा मेघालय Citizenship Amendment Bill NPP rajya-sabha
Advertisment
Advertisment
Advertisment