देश के स्वतंत्रता संग्राम के नायकों को सम्मान देने की मुहिम में जुटी केंद्र की मोदी सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है. अब हर साल गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत बजाय 24 जनवरी के 23 जनवरी से हुआ करेगी. यानी गणतंत्र दिवस समारोह में अब नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को भी शामिल कर लिया गया है. गौरतलब है कि आजाद हिंद फौज के नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को हुआ था. अब उनकी जयंती के साथ ही 26 जनवरी का औपचारिक समारोह शुरू हुआ करेगा. समाचार एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को शामिल करने का निर्णय लिया गया है.
मोदी सरकार की मुहिम के अनुरूप है कार्यक्रम
सूत्रों के मुताबिक यह फैसला भारतीय इतिहास और संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलुओं को मनाने और स्मरण करने के नरेंद्र मोदी सरकार के फोकस के अनुरूप है. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने इससे पहले सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की थी. इसके अलावा कुछ ही दिन पहले पीएम मोदी ने 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी. इसी दिन सिखों के दसवें गुरु गोबिदं सिंह के चारों पुत्रों ने शहादत हासिल की थी. इसके पहले 14 अगस्त को विभाजन भयावह स्मरण दिवस, 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस, 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस (बिरसा मुंडा की जयंती) मनाने की घोषणा की थी.
नेताजी क्यूरेटेड टूर भी है पाइप लाइन में
इसके अलावा मोदी सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी देश भर के स्थलों को भी बढ़ावा देने की योजना तैयार की है. इस बारे में पिछले साल अक्टूबर में ही बताया गया था कि पर्यटन मंत्रालय आजाद हिंद सरकार के गठन की सालगिरह मनाने के लिए कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में क्यूरेटेड टूर की योजना बना रहा है, जोकि 21 अक्टूबर 1943 को बोस द्वारा घोषित अंतिम सरकार थी. इसके तहत ऐसी साइटों की पहचान की गई है, जो नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़े गंतव्यों को कवर करते हैं. नेताजी से संबंधित साइटों को बढ़ावा देने के लिए टूर ऑपरेटरों को यात्रा कार्यक्रम दिए जाएंगे.
1950 से हो रहा है गणतंत्र दिवस का आयोजन
गौरतलब है कि 1950 से हर साल देश की राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है. इस दिन राष्ट्रपति राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और इस अवसर पर भारतीय सैन्य बल अपने पराक्रम का प्रदर्शन करते हैं. इसके अलावा देश के विभिन्न राज्यों से कला और संस्कृति को समर्पित झांकी प्रस्तुत की जाती है, जिसमें देश की विविधता की झलक मिलती है. इस समारोह को करीब 2 लाख लोग सामने से देखते हैं. हालांकि कोरोना के मद्देनजर पिछले साल सिर्फ 45 सौ लोगों को टिकट मिले थे. रक्षा मंत्रालय के उपर समारोह का सफलतापूर्वक करने की जिम्मेदारी होती है. समारोह में भाग लेने वाले सभी प्रदर्शनों की तैयारी अगस्त से ही शुरू हो जाती है. 24 जनवरी से गणतंत्र दिवस की औपचारिक शुरुआत हो जाती है जिसका समापन 29 जनवरी को बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम के साथ होता है.
HIGHLIGHTS
- 23 जनवरी को मनाया जाता है नेताजी का जन्मदिन
- अब इसी दिन से शुरू होगा गणतंत्र दिवस समारोह