गवर्नर पद जाते ही कल्याण सिंह पर बाबरी ढांचा विध्वंस के मुकदमे की तलवार लटकी

राज्यपाल के रूप में संवैधानिक पद पर होने की वजह से उनके खिलाफ मुकदमा नहीं चल सकता था लेकिन उनका कार्यकाल खत्म होने के बाद यह छूट भी खत्म हो जाएगी.

author-image
Nihar Saxena
New Update
गवर्नर पद जाते ही कल्याण सिंह पर बाबरी ढांचा विध्वंस के मुकदमे की तलवार लटकी

राज्यपाल पद पर रहते नहीं चल सकता था मुकदमा.

कलराज मिश्रा को राजस्थान का राज्यपाल बनाए जाने के साथ ही कल्याण सिंह को बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आपराधिक साजिश के आरोपों में मुकदमा चलाने का रास्ता भी साफ हो गया. फिलहाल राज्यपाल के रूप में संवैधानिक पद पर होने की वजह से उनके खिलाफ मुकदमा नहीं चल सकता था लेकिन उनका कार्यकाल खत्म होने के बाद यह छूट भी खत्म हो जाएगी. रविवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल और पूर्व केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्रा को राजस्थान का नया राज्य राज्यपाल नियुक्त किया है.

Advertisment

यह भी पढ़ेंः कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्‍सेस देगा पाकिस्‍तान, चौतरफा घिरने के बाद घुटनों के बल बैठे इमरान

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आपराधिक मुकदमा चलाने के निर्देश
गौरतलब है कि 19 अप्रैल 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती के खिलाफ आपराधिक साजिश के आरोपों में मुकदमा चलाने का आदेश दिया था. कल्याण सिंह राज्यपाल होने की वजह से मुकदमे का सामना करने से बच गए. संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत राष्ट्रपति और राज्यपालों पर उनके कार्यकाल के दौरान किसी भी तरह का आपराधिक या दीवानी मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है. इस अनुच्छेद के मुताबिक किसी भी मामले में राष्ट्रपति या राज्यपाल को समन नहीं भेजा जा सकता है. 1992 में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के वक्त कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे.

यह भी पढ़ेंः देशभर में ट्रैफिक के नए नियम लागू, पहले दिन दिल्ली में काटे गए 3900 चालान

राज्यपाल रहते नहीं चल सकता मुकदमा
इस पूरे मामले से परिचित एक सूत्र ने बताया, 'चूंकि, राज्यपाल के तौर पर सिंह का कार्यकाल खत्म हो रहा है. ऐसे में अगर सरकार उन्हें किसी अन्य संवैधानिक पद पर नियुक्त नहीं करती तो उन्हें मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है.' कल्याण सिंह को 3 सितंबर 2014 को राजस्थान का राज्यपाल बनाया गया था. अब 5 साल का उनका कार्यकाल खत्म होने जा रहा है.

यह भी पढ़ेंः कश्मीर को लेकर दुनिया के सामने फिर पिटा पाकिस्तान, मालदीव संसद में भारत ने दिया तगड़ा जवाब

आश्वासन के बावजूद नहीं रोक सके थे बाबरी ढांचे का विध्वंस
कल्याण सिंह के खिलाफ सीबीआई केस के मुताबिक उन्होंने उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री रहते हुए नेशनल इंटिग्रेशन काउंसिल को आश्वासन दिया था कि वह विवादित ढांचे को गिराने नहीं देंगे और सुप्रीम कोर्ट ने भी विवादित स्थल पर सिर्फ प्रतीकात्मक 'कार सेवा' करने की इजाजत दी थी. 1997 में लखनऊ के स्पेशल जज ने अपने आदेश में कहा था, 'सिंह ने यह भी कहा था कि वह ढांचे की पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे और उसे गिरने नहीं देंगे, लेकिन उन्होंने कथित तौर पर अपने दिए आश्वासनों के उलट काम किया.'

यह भी पढ़ेंः चंद्रयान -2 रविवार की शाम अपनी पांचवीं और अंतिम कक्षा में सफलतापूर्वक पहुंचा

ढांचा ढहने के बाद सीएम पद से दिया था इस्तीफा
सीबीआई ने सिंह पर यह भी आरोप लगाया था कि बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने केंद्रीय बल के इस्तेमाल का आदेश नहीं जारी किया. स्पेशल कोर्ट ने 1997 में फैसला सुनाया था, 'इसके मद्देनजर, ऐसा लगता है कि प्रथमदृष्टया वह आपराधिक साजिश में शामिल रहे थे.' 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद गिराए जाने के बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.

HIGHLIGHTS

  • राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद पर रहते नहीं चल सकता मुकदमा.
  • कलराज मिश्रा के नया राज्यपाल बनते ही 'छूट' से हो जाएंगे बरी.
  • आश्वासन के बावजूद नहीं रोक सके थे ढांचे का विध्वंस.
kalyan-singh Ayodhya Supreme Court Governor Babri Masjid Demolition
      
Advertisment