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अब कुतुब मीनार परिसर में भी होगी खुदाई, विवादों के बीच इतिहासकारों के साथ ASI टीम का दौरा

बाबरी मस्जिद से शुरू हुआ सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. बाबरी मस्जिद के बाद ज्ञानवापी मस्जिद का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है कि अब कुतुबमीनार की खुदाई का मामला सामने आ गया है.

Updated on: 22 May 2022, 01:49 PM

highlights

  • हिंदूवादी संगठनों ने की थी नाम बदलने की मांग
  • कुतुब मिनार का नाम किया जाए विष्णु स्तम्भ
  • अब संस्कृति मंत्रालय की देखरेख में होगी खुदाई

नई दिल्ली:

बाबरी मस्जिद से शुरू हुआ सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. बाबरी मस्जिद के बाद ज्ञानवापी मस्जिद का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है कि अब कुतुबमीनार की खुदाई का मामला सामने आ गया है. ये खुदाई बाकायदा केंद्र सरकार की संस्कृति मंत्रालय की ओर से एएसआई की रेख-रेख में की जाएगी. दरअसल, संस्कृति मंत्रालय ने कुतुब मीनार में मूर्तियों की Iconography कराए जाने के निर्देश दिए हैं. संस्कृति मंत्रालय के निर्देशों के बाद कुतुब मीनार परिसर में खुदाई शुरू की जाएगी.  एक रिपोर्ट के मुताबिक कुतुब मीनार परिसर में खुदाई का काम किया जाएगा. इसके बाद ASI अपनी रिपोर्ट संस्कृति मंत्रालय को सौंपेगा.

संस्कृति सचिव ने अधिकारियों के साथ किया निरीक्षण
बताया जाता है कि संस्कृति सचिव ने अफसरों के साथ निरीक्षण करने के बाद यह फैसला लिया है. लिहाजा, कुतुब मीनार के दक्षिण में और मस्जिद से 15 मीटर की दूरी पर खुदाई का काम शुरू करने की संभावना है. गौरतलब है कि कुतुब मीनार ही नहीं, अनंगपाल और लाल कोट किले पर भी खुदाई करने की योजना पूरी तरह से तैयार है. इसके लिए बाकायदा संस्कृति सचिव गोविंद मोहन के साथ टीम ने निरीक्षण किया था. आपको बता दें कि कुतुब मीनार परिसर में खुदाई के फैसले से पहले संस्कृति सचिव गोविंद मोहन 12 सदस्यीय टीम के साथ निरीक्षण भी कर चुके हैं. बताया जाता है कि इस टीम में 3 इतिहासकार, ASI के 4 अफसर और शोधकर्ता मौजूद थे. इस मामले में ASI के अफसरों ने बताया कि कुतुबमीनार में 1991 के बाद से खुदाई का काम नहीं हुआ है. इसके अलावा कई रिसर्च भी पेंडिंग हैं, जिसकी वजह से ये फैसला लिया गया है.


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नाम बदलने की मांग को लेकर हिंदूवादी संगठन कर चुके हैं प्रदर्शन
और तलब है कि हिंदूवादी संगठनों की ओर से कुतुब मीनार का नाम बदलने की मांग भी हाल ही में की गई थी. इसके बाद हिंदू संगठनों से जुड़े कुछ कार्यकर्ताओं ने वहां. हनुमान चालीसा का पाठ किया था. इन लोगों की मांग थी कि हिंदू संगठनों ने कुतुब मीनार का नाम बदलकर विष्णु स्तम्भ करने की मांग की थी. इसके अलावा कुतुब मीनार में रखी भगवान गणेश की मूर्तियों को लेकर भी विवाद हो चुका है. महरौली से भाजपा की निगम पार्षद आरती सिंह ने मांग की थी कि मूर्तियों को कुतुब मीनार में ही उचित स्थान पर रखकर वहां पूजा-आरती कराई जाए. गौरतलब है कि देश में इसी तरह की अराजकता फैलने से रोकने के लिए प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 लाया गया था, ताकि बाबरी मस्जिद के बाद किसी और स्थान पर विवाद को जन्म देकर ऐसी स्थिति पैदा नहीं की जा सके.