नवी मुंबई के नेरूल स्थित एसबीआई कॉलोनी के पूरी तरह नकदी रहित (कैशलेस) होने के बाद अब भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने आधार नंबर आधारित मर्चेंट भुगतान के लिए महाराष्ट्र के पेन तालुका के शिरकी गांव का चयन किया है।
नेरूल स्थित एसबीआई कॉलोनी में एसबीआई अधिकारियों के 1,000 से ज्यादा परिवार रहते हैं। यह कॉलोनी बीते 18 दिसंबर को पूरी तरह कैशलेस सोसायटी बन गई है।
एसबीआई ने शनिवार को एक बयान में कहा कि इसके एक हफ्ते बाद एसबीआई ने आधार आधारित मर्चेंट भुगतान के लिए महाराष्ट्र के पेन तालुका के शिरकी गांव का चयन किया, जहां 2,000 परिवार रहते हैं। एक बयान के मुताबिक, इस पहल के तहत बैंक के स्वयंसेवक गांव वालों से मिल रहे हैं और उनके बैंकों में खाते खुलवाकर उसे आधार नंबर से जोड़ रहे हैं।
इस गांव के दुकानदारों को साधारण एंड्रॉयड फोन दिया गया है, जिसमें यूएसबी आधारित फिंगरप्रिंट कैप्चर मशीन लगी है।
दुकानदार को आधार पेमेंट एप डाउनलोड करने की जरूरत है और इसकी सहायता से अपने बैंक को रजिस्टर करने की जरूरत है। भुगतान के लिए उपभोक्ताओं के पास एक बैंक खाता होना चहिए, जो आधार नंबर से जुड़ा हुआ हो।
दुकानदार को भुगतान करने के लिए उपभोक्ता को ऐप में उस बैंक का चयन करना होगा, जिसमें उसका खाता है तथा मोबाइल फोन से लगे बायोमेट्रिक मशीन में फिंगरप्रिंट दर्ज कराना होगा।
इसके बाद लेनदेन पूरा हो जाएगा और उपभोक्ता के खाते से उतने पैसे दुकानदार के खाते में चले जाएंगे, जितने का उसने भुगतान करना था।
एसबीआई के उप प्रबंध निदेशक तथा सीआईओ मृत्युंजय महापात्रा ने कहा, 'उपभोक्ता को किसी प्रौद्योगिकी से नहीं जूझना होगा। इंस्टैंट भुगतान के लिए केवल कोई पासवर्ड या पिन नंबर याद रखना होगा। हम इस पहल को पूरे देश के गांव-गांव तक पहुंचाना चाहते हैं।"
Source : IANS