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टुकड़े-टुकड़े गैंग पर खामोश रहने वाले 49 लोगों पर अब 61 हस्तियों ने साधा निशाना

61 हस्तियों ने शुक्रवार को केंद्र सरकार के समर्थन में खुला पत्र जारी किया है. इसके जरिये इन हस्तियों ने पक्षपाती विरोध और झूठ फैलाने वालों को कठघरे में खड़ा किया है.

Updated on: 26 Jul 2019, 11:28 AM

highlights

  • प्रसून जोशी, कंगना रानौत, मधुर भंडारकर समेत 61 हस्तियों ने जारी किया खुला पत्र.
  • 49 हस्तियों के पीएम मोदी को लिखे पत्र को बताया झूठ फैलाने वाला.
  • यह आरोप भी लगाया कि ऐसे लोग राजनीति प्रेरित फरेब को दे रहे बढ़ावा.

नई दिल्ली.:

मॉब लिंचिंग पर अलग-अलग क्षेत्र की देश की 49 जानी-मानी हस्तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख चिंता जताई थी. इसके जवाब में फिल्म और कला जगत की 61 हस्तियों ने शुक्रवार को केंद्र सरकार के समर्थन में खुला पत्र जारी किया है. इसके जरिये इन हस्तियों ने पक्षपाती विरोध और झूठ फैलाने वालों को कठघरे में खड़ा किया है. साथ ही आरोप लगाया है कि महज क्षुद्र राजनीति के कारण इस तरह का झूठ फैलाया जा रहा है. इस खुले खत को जारी करने वालों में फिल्म अभिनेत्री कंगना रानौत समेत निर्देशक मधुर भंडारकर के नाम शामिल हैं.

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मॉब लिंचिंग वाले पत्र का जवाब है यह खुला पत्र
जाहिर 61 हस्तियों के हस्ताक्षर वाले इस खुले पत्र को 49 लोगों के हस्ताक्षर वाली चिट्ठी का जवाब माना जा रहा है. गौरतलब है कि अपर्णा सेन, कोंकणा सेन शर्मा, रामचंद्र गुहा, अनुराग कश्यप, शुभा मुद्गल जैसे अलग-अलग क्षेत्र के दिग्गजों ने बीते दिनों जय श्रीराम के नारे और मॉब लिंचिंग पर पीएम मोदी को पत्र लिखा था. इस पत्र में दलित, मुस्लिम और दूसरे कमजोर तबकों की मॉब लिंचिंग को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की गई थी.

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61 लोगों के हैं हस्ताक्षर
अब गीतकार प्रसून जोशी, फिल्म अभिनेत्री कंगना रानौत, फिल्म निर्देशक मधुर भंडारकर और विवेक अग्निहोत्री, शास्त्रीय नृत्यांगना सोनल मानसिंह, मोहनवीणा वादक पंडित विश्व मोहन भट्ट ने खुला पत्र जारी किया है. इस खुले पत्र की शुरुआत में ही 23 जुलाई को 49 हस्तियों के लिखे गए पत्र को हतप्रभ करने वाला करार दिया गया है. साथ ही आरोप लगाया गया है कि राष्ट्र के स्वघोषित नैतिकतावादी और रखवालों ने पक्षपाती चिंता जाहिर कर राजनीति से प्रेरित पक्ष लिखा. इस खुले पत्र में आरोप लगाया गया है कि पहले लिखे पत्र का मकसद लोकतांत्रिक परिपाटी और बतौर राष्ट्रीय सामूहिकता के सिद्धांत को चोट पहुंचाना था. साथ ही कहा गया है कि ये वे लोग हैं जो टुकड़े टुकड़े गैंग पर चुप्पी साधे रहते हैं.

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इन्होंने लिखा खुला पत्र

जानें किन-किन लोगों ने किए खुले पत्र पर हस्ताक्षर...