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दिल्‍ली हिंसा की जांच SIT से कराने के लिए दायर याचिका पर पुलिस को नोटिस

हाई कोर्ट ने दिल्ली हिंसा की जांच के लिए SIT का गठन करने और भड़काऊ भाषण देने के लिए बीजेपी नेताओं कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर, प्रवेश साहिब सिंह वर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर दायर अर्जी पर दिल्ली पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी किया है.

Updated on: 26 Feb 2020, 11:23 AM

नई दिल्‍ली:

हाई कोर्ट ने दिल्ली हिंसा (Delhi Violence) की जांच के लिए SIT का गठन करने और भड़काऊ भाषण देने के लिए बीजेपी नेताओं कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर, प्रवेश साहिब सिंह वर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर दायर अर्जी पर दिल्ली पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी किया है. याचिका में हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों-घायलों को मुआवजा दिए जाने, CCTV फुटेज को संरक्षित रखने, महिलाओं-बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और आर्मी तैनात किए जाने की मांग की गई है. याचिका दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मन्दर ने दायर की है. हाई कोर्ट आज ही 12:30 बजे इस मामले की सुनवाई करेगा. हाईकोर्ट ने 12.30 बजे होने वाली सुनवाई में दिल्‍ली पुलिस के वरिष्ठ अफसरों की मौजूदगी सुनिश्‍चित करने को कहा है. हाई कोर्ट ने यह भी कहा, पुलिस को उचित कार्रवाई के लिए कोर्ट के आदेश का इतंज़ार नहीं करना चाहिए.

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दिल्‍ली हिंसा : आधी रात को हुई विशेष सुनवाई

इससे पहले दिल्‍ली हिंसा (Delhi Violence) को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) के जज जस्टिस मुरलीधर के घर मंगलवार आधी रात के बाद विशेष सुनवाई हुई, जिसमें जस्टिस मुरलीधर और जुस्टिस अनूप भंभानी की बेंच ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वो न्यू मुस्तफाबाद इलाके के अल हिन्द हॉस्पिटल में भर्ती दंगा पीड़ितों को सुरक्षित बेहतर सुविधाओं वाले दूसरे सरकारी अस्पतालों में पूरी सुरक्षा के साथ शिफ्ट कराए.

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घायलों को आपात मेडिकल सुविधा मिले

कोर्ट ने कहा कि उसकी सबसे बड़ी चिंता घायल लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें बेहतर इलाज उपलब्ध कराना है. इसलिए दिल्ली पुलिस सुनिश्चित करे कि घायल दंगा पीड़ितों को सुरक्षित सरकारी अस्पतालों में शिफ्ट कर उन्हें इमरजेंसी ट्रीटमेंट उपलब्ध कराया जाए. कोर्ट ने इसे लेकर दिल्ली पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है, जो आज दोपहर बाद बेंच के सामने रखी जाएगी.

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इलाज न मिलने का मुद्दा उठा

दिल्ली हिंसा को लेकर राहुल रॉय की ओर से दायर याचिका की पैरवी वरिष्ठ वकील सुरूर मंडेर और चिरायू जैन ने की. जस्टिस एस. मुरलीधर ने कहा, दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस जीएस सिस्तानी बाहर हैं, लेकिन मामला गंभीर है और घायलों को इलाज नहीं मिल पा रहा है. इस कारण आधी रात को सुनवाई की जा रही है.

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डॉक्‍टर ने कहा, पुलिस से नहीं मिली कोई मदद

सुनवाई के दौरान जस्टिस एस. मुरलीधर ने अल हिंद हॉस्पिटल के डॉक्टर अनवर से बात भी की और हालात के बारे में जानकारी ली. डॉ. अनवर ने जस्‍टिस मुरलीधर ने बताया कि अल हिंद हॉस्पिटल में 2 लोगों की मौत हो गई, जबकि 22 घायल हो गए. डॉ. अनवर ने बताया कि मंगलवार शाम 4 बजे से पुलिस से मदद लेने की कोशिश की पर कोई मदद नहीं मिली.