कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज सार्वजनिक तौर पर पहली बार स्वीकार किया कि वो देश के अगले प्रधानमंत्री बनने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हालांकि इसके साथ ही राहुल ने यह भी साफ कर दिया कि सबकुछ साल 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा।
राहुल के इस दावे को लेकर अब यह सवाल उठ रहा है कि राज्यों में कमजोर होती कांग्रेस कैसे बेहतर प्रदर्शन कर पाएगी और क्या कांग्रेस की सहयोगी पार्टियां राहुल गांधी को इस पद के लिए अपना समर्थन देगी।
साल 2004 से 2014 तक यूपीए सरकार का हिस्सा रही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने राहुल के बयान का समर्थन किया है लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि सबकुछ कांग्रेस के चुनाव में प्रदर्शन पर निर्भर करता है।
एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा, 'अगर देश के लोग कांग्रेस में अपना भरोसा व्यक्त करते हैं और उन्हें देश में शासन चलाने के लिए चुनते हैं तो राहुल गांधी प्रधानमंत्री बन सकते हैं।'
हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि पार्टी प्रमुख शरद पवार पहले ही प्रधानमंत्री पद की दावेदारी छोड़ चुके हैं क्योंकि हमारी पार्टी का सीमित जनाधार है।
वहीं बीजेपी ने राहुल गांधी के इस बयान को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा उनके रहते सिर्फ कांग्रेस को हार ही मिली है।
राहुल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, 'वह पहले पार्टी उपाध्यक्ष के तौर पर और अब अध्यक्ष के तौर पर चुनावों में कांग्रेस की बुरी हार के लिए जिम्मेदार हैं। चुनाव दर चुनाव, वह लगातार चुनावों में कांग्रेस के लिए हार के कारण बनते जा रहे हैं।'
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का नाम इतिहास में पार्टी अध्यक्ष के तौर पर सबसे ज्यादा चुनाव हारने वाले नेता के रूप में लिखा जाएगा।
पात्रा ने कहा, 'प्रधानमंत्री राहुल के बारे में सही बोलते हैं, यह चुनाव 'नामदार' और 'कामदार' के बीच का चुनाव है।'
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गौरतलब है कि प्रधानमंत्री बनने के एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा था, 'यह इस बात पर निर्भर करता है कि कांग्रेस कितना अच्छा प्रदर्शन करती है। मेरा मतलब..यदि कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरती है, तो यह हो पाएगा।'
यह दूसरी बार है, जब राहुल ने अगले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के बहुमत पाने की स्थिति में प्रधानमंत्री बनने की अपनी इच्छा व्यक्त की है।
पिछले वर्ष सितंबर में, बर्कले में विद्यार्थियों के साथ बातचीत में उन्होंने कहा था कि वह प्रधानमंत्री बनने के लिए 'पूरी तरह तैयार' हैं।
यह बयान इस संदर्भ में काफी महत्व रखता है, जब बीजेपी और कांग्रेस दोनों से समान दूरी चाहने वाले दल तीसरे मोर्चे या संघीय मोर्चे के लिए काम कर रहे हैं, जो राहुल गांधी के नेतृत्व में काम नहीं करना चाहता।
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Source : News Nation Bureau