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रोजी-रोटी पर भारी पड़ी नोटबंदी, 15 लाख नौकरियां स्वाहा: सर्वे

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) की रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी के चलते देश के करीब 60 लाख लोगों के मुंह से सरकार ने निवाला छीन लिया है।

Updated on: 20 Jul 2017, 08:23 AM

नई दिल्ली:

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) की रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी ने देश के करीब 60 लाख लोगों के मुंह से निवाला छीन लिया है। 

सीएममआईई की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार के नोटबंदी के फैसले के कारण करीब 15 लाख लोगों को नौकरियां गंवानी पड़ी है। सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक अगर एक कमाऊ व्यक्ति पर घर के चार लोग आश्रित हैं, तो इस हिसाब से केंद्र के इस फैसले ने 60 लाख से ज्यादा लोगों के मुंह से रोटी का निवाला छीन लिया गया।

कन्ज्यूमर पिरामिड हाउसहोल्ड सर्वे की माने तो नोटबंदी के बाद जनवरी से अप्रैल 2017 के बीच देश में कुल नौकरियों की संख्या घटकर 40 करोड़ 50 लाख रह गई। सितंबर से दिसंबर 2016 के बीच 40 करोड़ 65 लाख थी। 

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इसके मुताबिक नोटबंदी के बाद नौकरियों की संख्या में करीब 15 लाख की कमी आई। सर्वे में देश भर में हाउसहोल्ड सर्वे कर जनवरी से अप्रैल 2016 के बीच युवाओं के रोजगार और बेरोजगारी से जुड़े आंकड़े जुटाए गए थे।

सर्वे में 1 लाख 61 हजार घरों के 5 लाख 19 हजार युवाओं से बात की गई थी। इस सर्वे में नोटबंदी से पहले 40 करोड़ 65 लाख लोगों के पास कोई न कोई काम था लेकिन नोटबंदी के चार महीने बाद 40 करोड़ 50 लाख के पास ही बस काम रहा यानि करीब 15 लाख लोग बेरोजगार हो गए।

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