logo-image

अमेठी में इसलिए हारे राहुल गांधी, सामने आया एसपी-बीएसपी फैक्टर!

अमेठी से राहुल गांधी की हार की वजहों की तलाश कर रही कांग्रेस की दो सदस्यीय समिति ने बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के 'असहयोग' को इसका जिम्मेदार बताया है.

Updated on: 10 Jul 2019, 07:59 AM

highlights

  • सपा-बसपा का स्थानीय सहयोग नहीं मिलने से हारे राहुल अमेठी में.
  • हार के कारण तलाश रही समिति की प्रारंभिक जांच में खुलासा.
  • सपा नेता के बेटे ने खुलेआम किया बीजेपी की स्मृति ईरानी के लिए प्रचार.

नई दिल्ली.:

लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2019) में उत्तर प्रदेश की अमेठी (Amethi) सीट से राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की हार ने कांग्रेस को हिलाकर रख दिया है. पार्टी की परंपरागत सीट मानी जाने वाली अमेठी से बीजेपी की स्मृति इरानी ने तकरीबन 55 हजार वोटों से जीत दर्ज की है. अमेठी से राहुल गांधी की हार की वजहों की तलाश कर रही कांग्रेस की दो सदस्यीय समिति ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) और समाजवादी पार्टी (SP) के 'असहयोग' को इसका जिम्मेदार बताया है. समिति ने कहा कि दोनों ही पार्टियों की स्थानीय यूनिट ने कांग्रेस का पर्याप्त साथ नहीं दिया था और उनके वोट बीजेपी के खाते में चले गए.

यह भी पढ़ेंः कांग्रेस लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष पद के लिए नहीं करेगी दावा

बीजेपी के खाते में चले गए एसपी-बीएसपी के वोट
समिति के सदस्य कांग्रेस सचिव जुबैर खान और केएल शर्मा ने शनिवार को स्पष्ट तौर पर कहा कि अमेठी में एसपी और बीएसपी की स्थानीय इकाई ने कांग्रेस (Congress) को सहयोग नहीं दिया और इस वजह से इन पार्टियों के अधिकांश वोट बीजेपी (BJP) के खाते में चले गए. इस बात को थोड़ा और ठीक से समझाते हुए अमेठी के एक स्थानीय कांग्रेसी ने कहा, 'राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को साल 2014 के मुकाबले इस बार ज्यादा वोट मिले थे. पिछले लोकसभा चुनाव में जहां उन्हें 4.08 लाख वोट मिले थे, वहीं इस बार उन्हें 4.13 लाख लोगों ने वोट दिया था.'

यह भी पढ़ेंः गृह मंत्री अमित शाह ने अपने ही मंत्री की लगाई क्लास, साथ ही दी नसीहत भी

जितने वोटों से हारे, उतने मिले एसपी-बीएसपी को
कांग्रेस नेता ने कहा कि पिछले चुनाव में यहां से बीएसपी कैंडिडेट (BSP Candidate) को 57 हजार वोट मिले थे और 2019 के चुनाव में राहुल गांधी की हार 55 हजार वोटों (Rahul Gandhi Defeat) से हुई है. अगर बीएसपी का वोट कांग्रेस के खाते में आ जाता, तो राहुल गांधी नहीं हारते. अमेठी के कांग्रेस प्रमुख योगेंद्र मिश्रा भी इस बात का समर्थन करते हैं. उन्होंने भी कहा कि एसपी-बीएसपी का असहयोग ही राहुल की हार का प्रमुख कारण है. उन्होंने बताया कि दोनों ही पार्टियों के नेताओं ने अमेठी में कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया था, लेकिन फिर भी कांग्रेस को उनका साथ नहीं मिला.

यह भी पढ़ेंः गृह राज्यमंत्री किशन रेड्डी पर भड़के असदुद्दीन ओवैसी, कह दी ये बड़ी बात

गायत्री प्रजापति के बेटे ने स्मृति के लिए किया प्रचारः मिश्रा
मिश्रा ने बताया कि सपा नेता और पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति (Gayatri Prajapati) के बेटे अनिल प्रजापति ने खुलेआम स्मृति इरानी के लिए प्रचार किया था. इसके अलावा गौरीगंज से एसपी विधायक राकेश सिंह ने अपने ब्लॉक प्रमुखों और जिला पंचायत सदस्यों को बचाने के लिए बीजेपी का साथ दिया. हालांकि, राकेश सिंह ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है. बता दें कि गौरीगंज विधानसभा में राहुल गांधी 18 हजार वोटों से स्मृति इरानी (Smriti Irani) से पीछे रहे थे. वह केवल अमेठी विधानसभा से लीड पोजीशन (Lead) में थे जबकि जगदीशपुर, तिलोई और सलोन विधानसभा में भी उन्हें बीजेपी से कम वोट मिले.

यह भी पढ़ेंः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को करेंगे मंत्रिमंडल का विस्तार

समिति अगले हफ्ते सौंपेगी फाइनल रिपोर्ट
राहुल के हार के कारणों की तलाश कर रही दो सदस्यीय समिति ने गौरीगंज (Gauriganj) और तिलोई (Tiloi) विधानसभा के कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया है. इसके अलावा वह अगले दो दिनों में जगदीशपुर, सलोन और अमेठी के कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग करेंगे. समिति अपनी फाइनल रिपोर्ट कांग्रेस हाईकमान को अगले हफ्ते तक भेज सकती है.