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एक-दो नहीं... इस शहर से 3 हज़ार से ज्यादा कोरोना मरीज़ हो गए गायब! सरकार भी सकते में

अगर किसी शहर से एक-दो नहीं बल्कि हजारों कोरोना संक्रमित लापता हो जाएं, तो वहां मचने वाली अफरा-तफरी को समझा ही जा सकता है. कुछ यही हाल इन दिनों बेंगलुरु (Bengaluru) का है.

Updated on: 26 Jul 2020, 01:40 PM

बेंगलुरु:

विगत कई दिनों से देश में कोरोना संक्रमण (Corona Virus) के नए मामले 50 हजार के आसपास आ रहे हैं. कई विशेषज्ञ चेता चुके हैं कि देश में हर्ड कम्युनिटी (Community Spread) यानी सामूहिक संक्रमण का दौर शुरू हो चुका है. हालांकि सरकार अभी इस बात को कहने से बचती आ रही हैं. ऐसे में अगर किसी शहर से एक-दो नहीं बल्कि हजारों कोरोना संक्रमित लापता हो जाएं, तो वहां मचने वाली अफरा-तफरी को समझा ही जा सकता है. कुछ यही हाल इन दिनों बेंगलुरु (Bengaluru) का है, वहां कोरोना के लगभग साढ़े तीन हजार मरीज लापता हैं.

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एक लाख के आसपास पहुंची संख्या
गौरतलब है कि कर्नाटक में कोरोना वायरस कोहराम मचाए हुए है. पिछले करीब 3 हफ्तों से यहां मरीजों की संख्या में रिकॉर्ड इज़ाफा हुआ है. राज्य में मरीजों की संख्या 90 हज़ार को पार कर गई है. इस बीच खबर है कि राजधानी बेंगलुरु में कोरोना के 3338 मरीज़ गायब हो गए हैं. वे कहां गए इसका कुछ अता पता नहीं है. फिलहाल प्रशासन तलाश में जुटा है. अगर हिसाब लगाया जाए तो ये शहर में कुल कोरोना वायरस पॉजिटिव लोगों की संख्या का 7 प्रतिशत हिस्सा है.

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बेंगलुरु में हालत खराब
कर्नाटक में राजधानी बेंगलुरु कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है. पिछले दो हफ्ते में यहां कोरोना के केस 16 हज़ार से बढ़कर 27 हजार तक पहुंच गए हैं. कर्नाटक में पिछले 24 घंटे में 5,072 नए मामले आने के साथ ही राज्य में अभी तक 90,942 लोग के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. राज्य में अभी तक कोरोना वायरस संक्रमण से 1,796 लोग की मौत हुई है. लापता मरीजों और सक्रिय मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अब मरीजों का सैंपल लेने से पहले सरकार इन सबका पहचान पत्र देख रही है. इसके अलावा मोबाइल नंबर भी वेरिफाई किए जाएंगे.

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पुलिस कर रही मदद
अधिकारियों का कहना है कि उनके पास मरीजों को ट्रैक करने का कोई साधन नहीं है. क्या रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद इन सबने खुद को क्वॉरंटीन किया है, इस बारे में भी फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिली है. बेंगलुरु महानगर पालिका के कमिश्नर एन मंजुनाथ प्रसाद ने कहा, 'हम पुलिस की मदद से कुछ कोरोना पॉजिटिव मरीजों का पता लगा सकते हैं, लेकिन 3338 अभी भी अनट्रेसेबल हैं. कई मरीजों ने गलत मोबाइल नंबर और पते दिए हैं, जैसे ही इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई ये गायब हो गए.'