'2027 की जनगणना में जाति जनगणना शामिल नहीं होने का तथ्य गलत, भ्रामक खबरों से बचें लोग'
बंगाल पोर्न रैकेट मामला : पीड़ित महिला का मोबाइल फोन आरोपी के घर से बरामद
अगले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चक्र में हम अच्छा प्रदर्शन करेंगे : धनंजय डी सिल्वा
गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी को अंतिम विदाई, अमित शाह ने दी श्रद्धांजलि
Kerala Lottery Result: केरल लॉटरी में जीते एक करोड़ का पुरस्कार, जानें पूरी लिस्ट
राजा रघुवंशी मर्डर केस से लेकर जनगणना अधिसूचना तक दिनभर के 10 बड़े अपडेट्स्
IND vs ENG: हेडिंग्ले क्रिकेट ग्राउंड में कैसा है भारत-इंग्लैंड का हेड टू हेड रिकॉर्ड? जानकर दुखी हो जाएंगे भारतीय फैंस
गॉल टेस्ट में श्रीलंका पर बढ़त बनाने की कोशिश में बांग्लादेश, मेहदी हसन पर नजर
मेयर राजा इकबाल ने 'आप' को बताया भ्रष्टाचारी, मानसून की तैयारियों पर दी जानकारी

15 अगस्त नहीं, यहां आज मनाया जा रहा है स्‍वतंत्रता का पर्व, जानें क्‍यों होता है ऐसा

15 अगस्‍त को पूरे देश में जोश, जुनून और उत्‍साह के साथ 73वां स्वतंत्रता दिवस मनाया गया. 15 अगस्त 1947 को ही हिंदुस्तान को अंग्रेजों के दमन से पूरी तरह से छुटकारा मिला था

15 अगस्‍त को पूरे देश में जोश, जुनून और उत्‍साह के साथ 73वां स्वतंत्रता दिवस मनाया गया. 15 अगस्त 1947 को ही हिंदुस्तान को अंग्रेजों के दमन से पूरी तरह से छुटकारा मिला था

author-image
Pankaj Mishra
एडिट
New Update
15 अगस्त नहीं, यहां आज मनाया जा रहा है स्‍वतंत्रता का पर्व, जानें क्‍यों होता है ऐसा

प्रतीकात्‍मक फोटो

15 अगस्‍त को पूरे देश में जोश, जुनून और उत्‍साह के साथ 73वां स्वतंत्रता दिवस मनाया गया. 15 अगस्त 1947 को ही हिंदुस्तान को अंग्रेजों के दमन से पूरी तरह से छुटकारा मिला था. लेकिन देश में एक जगह ऐसी भी है, जहां आजादी का जश्न 15 अगस्त को नहीं बल्कि आज यानी 18 अगस्त को मनाया जा रहा है. पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में आज स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है. ऐसा क्‍यों होता है, इसकी वजह भी बड़ी दिलचस्‍प है, आइए हम आपको बताते हैं कि ऐसा क्‍यों होत है. 

Advertisment

यह भी पढ़ें ः Fire in AIIMS Delhi Update: फायर ब्रिगेड ने आग पर पाया काबू, एम्स प्रसाशन ने जारी किया इमरजेंसी नंबर

दरअसल, यह पूरा मामला 12 अगस्त 1947 का है. 12 अगस्त 1947 को ऑल इंडिया रेडियो पर भारत की आजादी की खबर सुनाई गई थी. इसके साथ ही रेडिया पर देश के दो हिस्सों में बंटने की भी खबर मिली. रेडियो पर बताया जा रहा था कि नदिया जिला पाकिस्तान का हिस्सा होगा. नदिया एक हिंदू बाहुल्य क्षेत्र था, लिहाजा पाकिस्तान में शामिल होने की खबर के बाद वहां विद्रोह होने लगे. मामले ने इसकदर तूल पकड़ा कि वहां मौजूद दो धर्मों के बीच दंगे जैसे हालात बन गए थे.
नदिया जिले को पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) में शामिल किया जाना एक प्रशासनिक त्रुटि थी. उस समय प्रशासनिक अधिकारी सर रेडक्लिफ ने बंटवारे के बाद भारत और पाकिस्तान का गलत नक्शा बना दिया था, जिसमें नदिया को पूर्वी पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया गया था. नदिया में खराब होते जा रहे हालातों की सूचना जब अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन तक पहुंची तो उन्होंने तुरंत सर रेडक्लिफ को नक्शे में सुधार करने के आदेश दिए.

यह भी पढ़ें ः काबुल: शादी समारोह में जबरदस्त धमाका, 40 लोगों की मौत, 100 घायल

नक्शे में सुधार करने की पूरी प्रक्रिया में लंबा समय लगा, लिहाजा नदिया जिले को आधिकारिक तौर पर 17 अगस्त 1947 की आधी रात को भारत में शामिल किया गया. इसके बाद कृष्णानगर लाइब्रेरी पर लगे पाकिस्तान के झंडे को उतारकर हिंदुस्तान का तिरंगा फहराया गया. जहां पूरे देश में 15 अगस्त 1947 को ही स्वतंत्रता दिवस मनाया तो वहीं दूसरी ओर नदिया जिले के लोगों ने 18 अगस्त को तिरंगा फहराकर आजादी का जश्न मनाया. नदिया के लोग अब सिर्फ 26 जनवरी और 15 अगस्त को ही नहीं बल्कि 18 अगस्त को भी तिरंगा फहराकर जश्न मनाते हैं.

Source : न्‍यूज स्‍टेट ब्‍यूरो

India-Pakistan 18 August 1947 15 August west bangal Indipendence Day
      
Advertisment