राजस्थान के कोटा में एक और कोचिंग स्टूडेंट ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। यह घटना शहर के कुन्हाडी इलाके में बुधवार को हुई। यह क्षेत्र विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए एक हब है।
यूपी के बदायूं का रहने वाला अभिषेक पिछले दो साल से कोटा के एक हॉस्टल में रह रहा था और नेशनल एलिजिबिलिटी-कम-एंट्रेंस टेस्ट (एनईईटी) की तैयारी कर रहा था। वह पिछले कुछ समय से कोचिंग नहीं जा रहा था बल्कि हॉस्टल से ही ऑनलाइन क्लास ले रहा था।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार रात नौ बजे सूचना मिली कि दातार रेजीडेंसी में एक छात्र करीब 24 घंटे से कमरा नहीं खोल रहा था। हम मौके पर गए और कमरे का दरवाजा तोड़ा। छात्र फंदे से लटका हुआ मिला। कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला है।
सुसाइड नोट में अभिषेक ने लिखा, मैं आपसे माफी मांग रहा हूं। मैं अपनी मर्जी से कोटा आया था। मुझ पर किसी ने दबाव नहीं डाला। सॉरी दीदी, सॉरी मम्मी, सॉरी भाई, सॉरी दोस्तों, मुझे माफ कर दो, मैं हार गया। इसलिए मैं मरना चाहता हूं।
अभिषेक के आत्महत्या करने की सूचना मिलने पर पिता अराम सिंह शुक्रवार सुबह कोटा पहुंचे। उन्होंने कहा कि माता-पिता जानते हैं कि वे बच्चों की परवरिश कैसे करते हैं और उन्हें कैसे पढ़ाते हैं, लेकिन कोचिंग संस्थान भेदभाव करते हैं।
उन्होंने सवाल किया कि इसलिए बच्चे आत्महत्या कर रहे हैं। ऐसी स्थिति क्यों पैदा हो रही है? क्या माहौल है कि बच्चे आत्महत्या कर रहे हैं।
अराम सिंह ने कहा कि कोचिंग संस्थानों का दबाव है लेकिन माता-पिता का कोई दबाव नहीं है। मेरे बेटे ने कभी नहीं बताया कि वह परेशान है। वह अपने आप को तनाव में रखता था।
अगर मुझे पता होता कि ये आत्महत्या कर लेगा, तो मैं पहले ही यहां से उसे ले जाता। मैं कहता हूं कि सरकार को ध्यान देना चाहिए। सरकार को एक नीति बनानी चाहिए, ताकि हमारे समाज में आत्महत्या की घटनाएं रुकें। रिपोर्ट के अनुसार, कोटा में पिछले दो महीने के अंदर आत्महत्या के पांच मामले सामने आ चुके हैं।
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Source : IANS