महाराष्ट्र की चर्चित IAS अधिकारी पूजा खेडकर के सिविल सेवा परीक्षा में चयन पर सवाल उठ रहे हैं. उन्होंने खुद को नॉन क्रीमी ओबीसी वर्ग में रखा था. जबकि उनके पिता ने अपने चुनावी हलफनामे में 40 करोड़ रुपये की संपत्ति बताई थी. इसके कारण IAS पूजा के ओबीसी नॉन क्रीमी कैंडिडेट होने को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं. सवाल ये उठ रहे है कि अगर किसी उम्मीदवार के पिता की संपत्ति 40 करोड़ रुपये है तो उसकी संतान को ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर में किस तरह से माना जा सकता है. चुनावी हलफनामे में जो आंकड़े सामने आए हैं, उसके अनुसार, पूजा खेडकर के अभिभावक के पास 110 एकड़ कृषि भूमि है. यह कृषि भूमि सीमा अधिनियम का उल्लंघन करती है. इसके साथ छह दुकानें, सात फ्लैट (एक हीरानंदानी में), 900 ग्राम सोना, हीरे, 17 लाख की सोने की घड़ी के साथ चार कार हैं.
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इसके साथ दो प्राइवेट कंपनियों और एक ऑटोमोबाइल फर्म में भागीदारी है. इसके अलावा खुद IAS पूजा खेडकर के पास 17 करोड़ रुपये की संपत्ति है. पूजा खेडकर ने यूपीएससी को सौंपे हलफनामे में दृष्टिबाधित और मानसिक रूप से बीमार होने का दावा किया था. इसके लिए खेडकर ने दिव्यांगता सर्टिफिकेट भी लगाया है. इसका उपयोग UPSC सिलेक्शन में खास रियायतें लेने के लिए किया था. इन रियायतों की मदद से सिविल सेवा परीक्षा में कम नंबर हासिल करने के बाद भी इसे पास किया जा सकता है.
यूपीएससी में 841वीं रैंक आई थी
आपको बता दें कि पूजा खेडकर की यूपीएससी में 841वीं रैंक आई थी. पूजा खेडकर ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा में 841वीं रैंक पाई थी. पूजा की मां अहमदनगर जिले के भालगांव की सरपंच हैं. पूजा के परिवार में उनके पिता और दादा दोनों प्रशासनिक सेवा हैं. उनके पिता पुणे में सहायक कलेक्टर रहे हैं.
IAS पूजा खेडकर का पुणे से वाशिम जिले में ट्रांसफर किया गया था. महाराष्ट्र सरकार ने सत्ता के दुरुपयोग की शिकायतों की वजह से खेडकर का ये ट्रांसफर किया . पुणे कलेक्टर डॉ.सुहास दिवासे ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर पूजा खेडकर की शिकायत की थी. अब उन्हें वाशिम जिले की एडिशनल असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में नियुक्ति किया गया है.
Source : News Nation Bureau