नोएडा में पार्कों में नमाज़ अदा पर लगाई रोक का मामला तूल पकड़ता हुआ नज़र आ रहा है. इस सरकारी फरमान का ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) , बीएसपी ने विरोध किया और प्रदेश की सरकार पर निशाना साधा. मायावती ने इस मुद्दे पर योगी सरकार की आलोचना की और इसे एकतरफा कार्रवाई बताया. इस मामले पर प्रदेश के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मोहसिन रजा ने एक ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि रोक नमाज़ पर नहीं बल्कि आपत्ति सार्वजनिक स्थान पर लगातार सामूहिक रूप से नमाज पढ़े जाने पर है, जिसकी इजाजत न तो शैयत देती है न ही संविधान.
उन्होंने आगे कहा कि वोट बैंक के ठेकेदार इसपर राजनीति की रोटियां सेक रहे हैं. हमारे लिए रमजान और ईद की मुबारक भी फूलों की बारिश से कम नहीं है.
इस मामले में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन औवेसी ने नोएडा पुलिस को घेरा. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, यूपी पुलिस कांवड़ियों पर फूल बरसाती है लेकिन हफ्ते में एक बार नमाज़ किये जाने पर शांति बाधित हो सकती है. मुसलामानों को बताया जा रहा है कि आप कुछ भी कर लो, गलती तो आपकी होगी. इसके साथ ही मायावती ने सरकार को घेरते हुए पूछा कि यह कार्रवाई पहले ही क्यों नहीं की गयी और अब चुनाव से पहले इस प्रकार की कार्रवाई क्यों की जा रही है?
नोएडा में पुलिस की ओर से सेक्टर 58 के अधिकतर बहुराष्ट्रीय कंपनियों को उनके कर्मचारियों को खुली जगहों पर प्रार्थना करने से मना करने वाले आदेश से मंगलवार को विवाद उत्पन्न हो गया. नोटिस में स्पष्ट तौर पर चेतावनी दी गई है कि इस आदेश का उल्लंघन करने पर कंपनियां जिम्मेदार होगी.