यूपी विधानसभा में किसी भी नवनिर्वाचित विधायक ने चुनाव के दौरान खर्च की 40 लाख रुपये की सीमा का उल्लंघन नहीं किया है।
सिर्फ तीन विधायकों ने 35 लाख रुपये से ज्यादा खर्च किए हैं। ये विधायक अपना दल के जय कुमार सिंह जाकी, निषाद पार्टी के रमेश और भाजपा के सुशील सिंह हैं।
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा सोमवार को जारी एक विश्लेषणात्मक रिपोर्ट के अनुसार, 403 विधायकों में से 339 विधायकों के चुनाव खर्च रिपोर्ट का विश्लेषण किया गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 222 (56 फीसदी) विधायकों ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में तय सीमा के 50 फीसदी से कम चुनाव खर्च की घोषणा की है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा के 393 विधायकों के चुनावी खर्च की घोषणा के आधार पर उनके द्वारा चुनाव में खर्च की गई औसत राशि 18.88 लाख रुपये है, जो खर्च सीमा का 47 फीसदी है।
पार्टीवार औसत चुनावी खर्च से पता चलता है कि भाजपा के 247 विधायकों का औसत खर्च 21.08 लाख रुपये (खर्च सीमा का 52.7 प्रतिशत) है।
सपा के 109 विधायकों के लिए औसत चुनाव खर्च 14.88 लाख रुपये (खर्च सीमा का 37.2 प्रतिशत) है, जबकि कांग्रेस के 2 विधायकों के लिए औसत चुनाव खर्च 22.66 लाख रुपये (खर्च सीमा का 56.7 प्रतिशत) है। इसके अलावा बसपा के एक विधायक ने 9.43 लाख रुपये (खर्च सीमा का 23.6 फीसदी) खर्च किए हैं।
कम खर्च की बात करें तो चुनाव पर एक लाख रुपये से कुछ अधिक खर्च करने वाले दो विधायक सपा के हिमांशु और सपा के तसलीम अहमद हैं।
लगभग 387 विधायकों ने घोषणा की है कि उन्होंने प्रचार वाहनों पर धन खर्च किया है और केवल 6 विधायकों ने घोषणा की है कि उन्होंने प्रचार वाहनों पर धन खर्च नहीं किया है।
एडीआर की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 254 विधायकों ने घोषणा की है कि उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक/प्रिंट मीडिया के माध्यम से प्रचार पर धन खर्च किया है और 139 विधायकों ने घोषणा की है कि उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक/प्रिंट मीडिया के माध्यम से प्रचार पर कोई धन खर्च नहीं किया है।
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Source : IANS