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कोई 'शाह' 1950 का वादा नहीं तोड़ सकता, हिंदी पर अमित शाह को कमल हासन की चुनौती

कमल हासन बोले, कई राजाओं ने देश की एकता के लिए अपना राजपाठ न्योछावर कर दिया, लेकिन लोग भाषा, संस्‍कृति और पहचान को खोना नहीं चाहते.

Updated on: 16 Sep 2019, 03:33 PM

नई दिल्‍ली:

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हिंदी दिवस पर दिए बयान के बाद मचा घमासान अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब दक्षिण भारतीय सुपरस्‍टार और राजनेता कमल हासन ने ट्वीट करते हुए कहा है कि देश में एक भाषा को थोपा नहीं जा सकता. ऐसा होने पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा. कमल हासन ने कहा कि कोई शाह, सुल्तान या सम्राट अचानक वादा नहीं तोड़ सकता. 1950 में जब भारत गणतंत्र बना तो ये वादा किया गया था कि हर क्षेत्र की भाषा और संस्‍कृति का सम्‍मान किया जाएगा.

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कमल हासन बोले, कई राजाओं ने देश की एकता के लिए अपना राजपाठ न्योछावर कर दिया, लेकिन लोग भाषा, संस्‍कृति और पहचान को खोना नहीं चाहते. भारत ऐसा देश है, जहां लोग एक साथ बैठकर खाते हैं. उन्होंने कहा कि तमिल को लंबे समय तक जीने दो और देश को समृद्ध होने दो.

कमल हासन बोले, कोई भी नया कानून या स्कीम लाने से पहले आम लोगों से बात करनी चाहिए. जलीकट्टू के लिए जो हुआ वह सिर्फ एक प्रदर्शन था, लेकिन भाषा बचाने के लिए इससे भी बड़ा करेंगे.

कमल हासन के इस वीडियो के बाद राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट करते हुए कहा, कमल हासन, एमके स्टालिन हिंदी थोपने की बात कर रहे हैं. तमिलनाडु में हिंदी ना पढ़ाने को लेकर वो क्या कहेंगे? हिंदी को भी तमिलनाडु में ऑप्शनल भाषा बनने देना चाहिए.

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बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंदी दिवस पर कहा था, हिंदी हमारी राजभाषा है, हमारे यहां कई भाषाएं बोली जाती हैं. लेकिन एक ऐसी भाषा होनी चाहिए जो दुनिया में देश का नाम बुलंद करे और पहचान को आगे बढ़ाए और हिंदी में ये सभी खूबियां हैं. उनके इसी बयान पर असदुद्दीन ओवैसी समेत दक्षिण भारत और विपक्ष के कई नेताओं ने तीखी आपत्‍ति जताई थी.