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रेलवे कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, नौकरियों में कटौती रेलवे ने किया खंडन

सेवा शर्तों के अनुपालन में रेलवे कर्मचारियों के कामकाज की नियमित समीक्षा करने के लिए रेलवे जोन/उत्पादन इकाइयों को पत्र जारी किए गए हैं.

Updated on: 30 Jul 2019, 07:32 PM

highlights

  • रेलवे कर्चारियों के लिए बड़ी खुशखबरी
  • रेलवे कर्मचारियों की नहीं होगी छंटनी
  • सोमवार को आईं थीं छंटनी की खबरें

नई दिल्ली:

रेलवे ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि नौकरियों में कटौती की कोई योजना नहीं है और 'नियमित' कामकाज की समीक्षा के लिए जोनल कार्यालयों को पत्र भेजे गये हैं. रेलवे ने कहा कि जोनल कार्यालयों को ऐसे कर्मचारियों की पहचान करने के वास्ते पत्र भेज गये हैं जिनकी आयु 55 वर्ष से अधिक हो गई है और जिन्होंने सेवा में 30 वर्ष पूरे कर लिये हों और ये पत्र कामकाज की 'नियमित' समीक्षा के लिए भेजे गये हैं. रेलवे का यह स्पष्टीकरण उन अटकलों के बाद आया है जिनमें कहा जा रहा था कि रेलवे बड़ी संख्या में अपने कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त करने की योजना बना रहा है. 

रेलवे ने एक बयान में कहा कि यह समीक्षा, रेलवे प्रतिष्ठान संहिता द्वारा निर्धारित की गई थी और इसे प्रशासन द्वारा 'लोकहित' में आयोजित किये जाने की जरूरत है. बयान में कहा गया है, 'सेवा शर्तों के अनुपालन में रेलवे कर्मचारियों के कामकाज की नियमित समीक्षा करने के लिए रेलवे जोन/उत्पादन इकाइयों को पत्र जारी किए गए हैं.' रेलवे ने कहा कि 2014-2019 की अवधि के दौरान विभिन्न श्रेणियों में लगभग 1,84,262 कर्मचारियों की नियुक्तियां की गई थीं.

इसके पहले सोमवार को रेलवे के मंडल कार्यालयों में अक्षम कर्मचारियों की छंटनी के लिए उन कर्मियों की सूची तैयार करने के लिए कहा गया था, जो 2020 की पहली तिमाही में 55 साल के हो जायेंगे या जिनकी सेवा 30 साल पूरी हो जाएगी. मंत्रालय के सूत्रों ने यह जानकारी दी थी. सूत्रों ने बताया कि इस श्रेणी में जो लोग सेवा में बने रहने के लायक नहीं हैं उन्हें समयपूर्व सेवानिवृत्ति की पेशकश की जाएगी.

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रेलवे बोर्ड द्वारा मंडल कार्यालयों को लिखे गए पत्र में कहा गया था कि मंडलीय रेलवे से उन कर्मचारियों का सेवा रिकार्ड प्रस्तुत करने का अनुरोध किया जाता है जो 2020 की पहली तिमाही यानी 2020 में जनवरी-मार्च के दौरान 55 साल के हो जायेंगे या 30 साल की सेवा पूरा कर लेंगे और पेंशन के पात्र हो जाएंगे. 27 जुलाई को भेजे गये इस पत्र में कहा गया है कि बोर्ड ने ब्योरा जमा करने की अंतिम तारीख नौ अगस्त तय की है.

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सूत्र ने कहा, यह समय-समय पर की जाने वाली समीक्षा का हिस्सा है. इसके तहत जिन कर्मचारियों का काम ठीक नहीं है या जिनके विरूद्ध कोई अनुशासनात्मक मुद्दा है, उन्हें समयपूर्व सेवानिवृत्ति की पेशकश की जाएगी. यह सरकार इस संबंध में बहुत गंभीर है. हाल ही में लोकसभा में बताया गया था कि सरकारी विभागों में समूह ए और बी के 1.19 लाख कर्मचारियों के कामकाज की समयपूर्व सेवानिवृति उपबंध के संदर्भ में 2014-19 के बीच समीक्षा की गई.

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