गोद लेने के नियमों में बडा बदलाव, खत्म हुआ 'पिक एंड चूज' का ऑप्शन
गोद लेने का विचार कर रहे पैरेंट्स अब खुद से बच्चे का चुनाव नहीं कर सकते है।
highlights
- जिस बच्चे को नेशनल एडॉप्टशन बॉडी ऑफर करेगी, पैरेंट्स उसे स्वीकार या इंकार कर सकते है
- प्रोफाइल भेजने के बाद संबंधित पैरेंट्स को 48 घंटे के अंदर उसे स्वीकार करना होगा
नई दिल्ली:
गोद लेने का विचार कर रहे पैरेंट्स अब खुद से बच्चे का चुनाव नहीं कर सकते है। जिस बच्चे को नेशनल एडॉप्टशन बॉडी ऑफर करेगी, पैरेंट्स उसे स्वीकार या इंकार कर सकते है। ये नया नियम 1 मई से प्रभाव में आ जाएगा।
सरकारी एडॉप्शन पोर्टल केरिंग्स पर रजिस्टर्ड पैरेंट्स को 3 बच्चे रिफेर किए जाएंगे, जिसमें से वे कियी एक का चुनाव कर सकते है। चाइल्ड एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (कारा) के सीईओ लें. कर्नल दीपक कुमार ने कहा,' गोद लेने की दर काफी धीमी है और बच्चे इस ऱेफर के साइकिल में लंबे समय तक रह जाते है। इस नए नियम के तहत गोद लेने वाले पैरेंट्स के सामले हम सभी बच्चों को बराबर से रेफर कर सकते है।'
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जानकारी के मुताबिक पैरेंट्स अधिकतम तीन बार रेफरल राउंड में हिस्सा ले सकते है। इसके बाद उन्हें वेटिंग लिस्ट में नीचे भेज दिया जाएगा। सभी राउंड में उन्हें अलग-अलग बच्चों की प्रोफाइल भेजी जाएगी। प्रत्येक दौर कम से कम 90 दिनों के अंतराल में होगा। कुमार ने कहा,'इसका उद्देश्य 'पिक एंड चूज' नीति के जरिये बच्चों को कमोडिटी के रूप में तब्दील होने से बचाना है।'
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प्रोफाइल भेजने के बाद संबंधित पैरेंट्स को 48 घंटे के अंदर उसे स्वीकार करना होगा। इसके बाद कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने में 20 दिन का वक्त लगेगा।
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