लोकसभा में पीठासीन सभापति भर्तृहरि महताब ने गुरुवार को कहा कि सदन का कामकाज बाधित करने से किसी को फायदा नहीं होने वाला है और अध्यक्ष ओम बिरला कुछ सदस्यों के व्यवहार से काफी दुखी हैं. लोकसभा में दिल्ली हिंसा (Delhi Violence) पर जल्द ही चर्चा कराने की मांग को लेकर कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण निचले सदन में पिछले चार दिन से कोई खास कामकाज नहीं हो पाया. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी दो दिन से सदन में नहीं आए हैं.
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आज सुबह पीठासीन सभापति महताब ने शोर-शराबा कर रहे विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने का आग्रह करते हुए प्रश्नकाल की कार्यवाही आगे बढ़ाने का निर्देश दिया. हालांकि, विपक्षी सदस्यों का शोर-शराबा जारी रहा. इस पर पीठासीन सभापति ने कहा, ‘पिछले तीन दिनों से जिस प्रकार से सदन में कामकाज को बाधित किया जा रहा है, उससे लोकसभा अध्यक्ष (ओम बिरला) दुखी हैं, पूरा देश दुखी है.’
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उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष काफी दुखी हैं और उन्हें अपना दुख व्यक्त करने का पूरा अधिकार है. महताब ने कहा कि अध्यक्ष ने सदन चलने देने का आग्रह किया था लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. इसलिये वह कार्यवाही संचालित नहीं कर रहे. उन्होंने कहा कि हम सभी यहां लोगों द्वारा चुनकर आते हैं, अपनी बात रखना चाहते हैं, लोगों से जुड़े मुद्दे उठाना चाहते हैं, लेकिन आप (विपक्ष) सदन को चलने नहीं दे रहे हैं. महताब ने कहा कि दिल्ली दंगे का मुद्दा है, कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थिति का मुद्दा है, इस पर चर्चा हो, लेकिन जिस प्रकार से सदन को बाधित किया जा रहा है, उससे किसी का फायदा नहीं होने वाला है. उन्होंने कहा कि सदन विपक्ष और सत्ता पक्ष के सहयोग से चलता है और आप दोनों बैठें और सदन चलायें. उन्होंने यह भी कहा कि आसन की व्यवस्था को चुनौती नहीं दी जानी चाहिए. उल्लेखनीय है कि कांग्रेस और द्रमुक के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे. वहीं तृणमूल कांग्रेस, सपा, राकांपा एवं अन्य विपक्षी सदस्य अपने स्थानों से ही यह मांग दोहरा रहे थे.