लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में इस सीट की 90 पोलिंग बूथ पर नहीं पड़े वोट, जानिए क्या है वजह
गुरुवार को हुए दूसरे चरण के आम चुनावों में श्रीनगर संसदीय सीट पर तकरीबन 90 मतदान केंद्रों पर किसी भी वोटर ने वोट नहीं डाला. इन 90 बूथों में से अधिकांशत: श्रीनगर मुख्य इलाके वाले थे.
नई दिल्ली:
लोकसभा चुनाव-2019 के दूसरे चरण में 95 सीटों पर 66 फीसदी वोटिंग हुई लेकिन इसी दौरान जम्मू कश्मीर की श्रीनगर लोकसभा सीट के 90 बूथों पर नहीं गए वोटर. लोकसभा चुनाव 2019 के दूसरे चरण की वोटिंग के दौरान श्रीनगर में लोकसभा चुनाव 2019 के बहिष्कार के संकेत मिले हैं. गुरुवार को हुए दूसरे चरण के आम चुनावों में श्रीनगर संसदीय सीट पर तकरीबन 90 मतदान केंद्रों पर किसी भी वोटर ने वोट नहीं डाला. इन 90 बूथों में से अधिकांशत: श्रीनगर मुख्य इलाके वाले थे. आपको बता दें कि श्रीनगर लोकसभा सीट के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं. मीडिया में आईं खबरों की माने तो बटमालू, ईदगाह, हब्बा कदल और खनयार मतदान केंद्रों पर किसी भी वोटर ने वोट नहीं डाला.
पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला ने अपने वोट डाले आपको बता दें कि वो सोनावर विधानसभा क्षेत्र से आते हैं. इस विधानसभा को छोड़कर अन्य 7 विधानसभा क्षेत्रों में भी मतदान न के बराबर ही रहा. यहां के मतदाताओं की संख्या का प्रतिशत इकाई में था सबसे ज्यादा वोटिंग सोनावर विधानसभा में हुई जहां 12 प्रतिशत वोटिंग हुई. तो वहीं सबसे कम वोटिंग ईदगाह विधानसभा क्षेत्र में हुई जहां महज 3.3 फीसदी वोटर्स ने वोट डाले. इसके बगल में गंदेरबल जिले, में 27 मतदान केंद्रों पर किसी भी वोटर ने वोट नहीं डाला.
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जम्मू के बडगाम इलाके में बने 13 मतदान केंद्रों पर भी कोई वोटर अपना वोट डालने नहीं आया. बडगाम इलाके के पांच विधानसभा क्षेत्रों में चरार-ए-शरीफ में सबसे ज्यादा वोटिंग हुई .यहां पर 31.1 फीसदी मतदान दर्ज हुआ. वहीं सबसे कम मतदान की बत करें तो चंडूरा में 9.2 फीसदी मतदान हुआ. आपको बता दें कि श्रीनगर लोकसभा क्षेत्र में 12,95,304 पंजीकृत वोटर और 1716 मतदान केंद्र थे. नेशनल कांफ्रेंस के संरक्षक फारूक अब्दुल्ला श्रीनगर लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार हैं. वह पिछले चुनाव में भी इसी सीट से जीते थे.
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इस वजह से वोटिंग को नहीं पहुंचे वोटर्स
बीते नौ अप्रैल को किश्तवाड़ के एक स्वास्थ्य केंद्र के भीतर आतंकवादियों ने गोली मारकर आरएसएस नेता चंद्रकांत और उनके सुरक्षा गार्ड की हत्या कर दी थी. इसके बाद अधिकारियों ने इलाके में कर्फ्यू लगा दिया था और सांप्रदायिक तौर पर संवेदनशील इस क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेना को बुला लिया गया था. चंद्रकांत की मां विद्या देवी ने परिवार के सात सदस्यों के साथ जाकर पशु चिकित्सालय में बने मतदान केंद्र में अपने वोट डाले. वहीं गुरुवार को दिवंगत नेता चंद्रकांत शर्मा की मां ने अपने परिजनों के साथ किश्तवाड़ के एक मतदान केंद्र पर जाकर वोट डाला और कहा कि उनके वोट चंद्रकांत शर्मा के कातिलों को सजा दिलाने के लिए है.
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