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नीतीश कुमार बोले- '2019 में भी मोदी ही बनेंगे पीएम, उन्हें हराने की क्षमता किसी में नहीं'

2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी का मुकाबल करने की क्षमात किसी में नहीं है।

Updated on: 01 Aug 2017, 01:55 PM

highlights

  • मुख्यमंत्री बनने के बाद नीतीश कुमार ने पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए महागठबंधन से अलग होने को लेकर सफाई दी
  • नीतीश ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी जी का मुकाबल करने की क्षमता किसी में नहीं है
  • एनडीए के खेमे में वापसी से पहले तक नीतीश कुमार को नरेंद्र मोदी के खिलाफ बड़ा चेहरा माना जा रहा था
  • लेकिन आज उन्होंने खुद ही अगले लोकसभा चुनाव में मोदी के अपराजेय होने पर मुहर लगा दी

नई दिल्ली:

मुख्यमंत्री बनने के बाद नीतीश कुमार ने पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी और बेनामी संपत्ति के खिलाफ की जा रही कार्रवाई के फैसले की जमकर तारीफ की।

हालांकि जब उनसे पूछा गया कि क्या नरेंद्र मोदी उनके नेता है, तो वह इस सवाल को चतुराई से टाल गए। लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नीतीश मोदी को लेकर इतना बड़ा बयान दे गए, जो अगले आम चुनाव से पहले विपक्षी दलों के मनोबल को धाराशायी कर सकता है।

2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को हराया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा, '2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी जी का मुकाबला करने की क्षमता किसी में नहीं है।'

कुमार ने यह जरूर कहा कि बिहार में बना गठबंधन केवल बिहार की राजनीति के लिए है और इसका राष्ट्रीय राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। 

एनडीए के खेमे में वापसी से पहले तक नीतीश कुमार को नरेंद्र मोदी के खिलाफ बड़ा चेहरा माना जा रहा था लेकिन आज उन्होंने खुद ही अगले लोकसभा चुनाव में मोदी के अपराजेय होने पर मुहर लगा दी।

गौरतलब है कि नीतीश कुमार राष्ट्रीय राजनीति में बीजेपी के खिलाफ एक बड़ा मोर्चा बनाने की वकालत करते रहे थे। बिहार में महागठबंधन की जीत के बाद नीतीश कुमार ने जनता दल से अलग हुए सभी दलों के विलय की पहल की थी। हालांकि उनकी यह कोशिश कामयाब नहीं हो पाई।

बिहार की ही तर्ज पर उन्होंने असम और उत्तर प्रदेश में समान विचारधारा वाले दलों को एक साथ लाने की पहल की। कुमार ने इसके लिए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को आगे बढ़ाया, लेकिन यहां भी वह विफल रहे।

पिछले साल उत्तर प्रदेश, उत्तरांचल, पंजाब, गोवा और मणिपुर में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को जबरदस्त जीत मिली और पंजाब को छोड़कर चारों राज्यों में सरकार बनाने में सफल रही।

विपक्ष की एकता के लिए कांग्रेस के रुख को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा, 'वह राजनीति में सहयोगी हो सकते हैं लेकिन फॉलोअर्स नहीं।' कुमार ने कहा जब महागठबंधन में भ्रष्टाचार के मामले को लेकर तनाव चल रहा था तब राहुल गांधी ने कुछ नहीं किया।

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कुमार ने कहा कि यह वही राहुल गांधी ने जिन्होंने दिल्ली के प्रेस क्लब में उस ऑर्डिनेंस को फाड़ कर फेंक दिया था, जो दागी उम्मीदवारों के चुनाव नहीं लड़ने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पटलने जा रहा था।

मुख्यमंत्री ने कहा राहुल गांधी का वह फैसला बिलकुल सही था लेकिन उन्होंने तेजस्वी यादव के मामले में कुछ भी नहीं किया।

गौरतलब है कि भ्रष्टाचार के मामले में बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ हुए एफआईआऱ की वजह से नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग हो चुके हैं। करीब 20 महीने तक चली महागठबंधन की सरकार का साथ छोड़ते हुए नीतीश कुमार अब एनडीए में फिर से वापस आ चुके हैं। 

कुमार ने इस बातचीत में महागठबंधन से अलग होने को लेकर विस्तार से सफाई दी। बिहार में बीजेपी के साथ सरकार बनाने के फैसले का बचाव करते हुए कुमार ने कहा कि उनके सामने दो रास्ते थे और उन्होंने वही फैसला लिया जो बिहार के हित में था।

नीतीश कुमार ने कहा कि महागठबंधन में बने रहने का मतलब था कि मैं भ्रष्टाचार के मामले में आंख मूंदे रहता और अपनी छवि बर्बाद कर लेता। 'लेकिन मैंने आखिर में वहीं फैसला लिया जो बिहार के हित में था। हमारी पार्टी की मान्यता केवल बिहार के लिए है और हमारी पहली जिम्मेदारी बिहार के प्रति है। मैंने वहीं किया।'

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