जलीकट्टू पर सुप्रीम कोर्ट ने फौरी राहत देने से किया इनकार

अदालत ने केंद्र सरकार की खेल को अनुमति देने की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया।

अदालत ने केंद्र सरकार की खेल को अनुमति देने की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया।

author-image
kunal kaushal
एडिट
New Update
जलीकट्टू पर सुप्रीम कोर्ट ने फौरी राहत देने से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध हटाने के मामले में दायर की गई याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया।

Advertisment

जल्लीकट्टू पोंगल त्योहार पर सांड को काबू में करने का खेल है। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि जल्लीकट्टू फैसले का मसौदा तैयार कर लिया गया है, लेकिन इसे शनिवार से पहले सौंप पाना संभव नहीं है।

अदालत ने केंद्र सरकार की खेल को अनुमति देने की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम ने सोमवार को आग्रह किया कि केंद्र सरकार जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए एक अध्यादेश की घोषणा करे।

प्रधानमंत्री को लिखे एक पत्र में पन्नीरसेल्वम ने कहा कि जल्लीकट्टू पोंगल उत्सव का एक अभिन्न हिस्सा है और यह त्योहार तमिलनाडु के लोगों के लिए काफी महत्व रखता है।

जल्लीकट्टू में सांड को काबू में किया जाता है। इसमें काबू करने वाले व्यक्ति को एक निश्चित दूरी या सांड के तीन बार कूदने तक उसकी पीठ पर बने रहना होता है।

सर्वोच्च न्यायालय ने तमिलनाडु में मई 2014 में जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध लगा दिया था। अदालत ने यह भी कहा कि बैल को एक प्रदर्शन करने वाले जानवर के रूप में जल्लीकट्टू उत्सव में या तमिलनाडु में होने वाले बैलगाड़ी की दौड़ में तमिलनाडु, महाराष्ट्र या देश में कही भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

पोंगल त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाएगा। यह सूर्य, वर्षा और खेती में मददगार मवेशियों को धन्यवाद देने के मकसद से मनाया जाता है।

Source : IANS

Supreme Court News in Hindi Pongal Tamilnadu Jallikattu
      
Advertisment