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जब तक पाकिस्तान आतंक पर लगाम नहीं लगाता, भारत SAARC सम्मेलन में नहीं लेगा हिस्सा: सुषमा स्वराज

विदेश मंत्री ने इस विषय पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पाकिस्तान जब तक अपनी धरती पर पोषित हो रहे आंतकवाद पर लगाम नहीं लगाएगा भारत उनके किसी निमंत्रण को स्वीकार नहीं करेगा.

Updated on: 28 Nov 2018, 03:18 PM

नई दिल्ली:

भारत 20वें SAARC (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेगा. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान द्वारा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे गए न्योते को लेकर स्पष्ट कर दिया है कि भारत इस सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेगा. विदेश मंत्री ने इस विषय पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'पाकिस्तान जब तक अपनी धरती पर पोषित हो रहे आंतकवाद पर लगाम नहीं लगाएगा भारत उनके किसी निमंत्रण को स्वीकार नहीं करेगा. इसीलिए भारत ने SAARC सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेगा.'

इससे पहले पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक संवादाता सम्मेलन में घोषणा की थी की वो इस्लामाबाद में आयोजित होने वाली SAARC सम्मेलन के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रण भेजेंगे. हालांकि अब तक इस सम्मेलन की तारीख़ तय नहीं हुई है.

पाकिस्तान विदेश मंत्रालय प्रवक्ता मोहम्मद फ़ैसल ने इस्लामाबाद में संवादाता सम्मेलन से पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के पहले भाषण को याद दिलाया जिसमें कहा गया था कि भारत अगर एक क़दम आगे बढ़ाएगा तो पाकिस्तान दो क़दम. उन्होंने कहा, 'हमने भारत के साथ युद्ध लड़ा है. इसलिए अचानक से रिश्ते नहीं सुधर सकते.'

यह बात गौर करने लायक है कि भारत ने इससे पहले नवम्बर-2016 में इस्लामाबाद में होने वाले SAARC सम्मेलन में हिस्सा लेने से भी मना कर दिया था क्योंकि इससे पहले 18 सितम्बर को जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में मिलिट्री बेस (सैन्य अड्डा) पर आतंकी हमला हुआ था.

जिसके बाद बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान ने भी इस सम्मेलन में शामिल होने से मना कर दिया था. बांग्लादेश ने घरेलू परिस्थितियों का हवाला देते हुए इस सम्मेलन में शामिल नहीं हुआ था. जिसके बाद इस सम्मेलन को रद्द करना पड़ा और पाकिस्तान की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख़ूब किरकिरी हुई थी.

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बता दें कि SAARC में अभी अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल, मालदीव, पाकिस्तान और श्रीलंका यानी कि कुल 8 देश शामिल है.