अविश्वास प्रस्ताव पर पीएम मोदी ने पढ़े जुमले और असंगत आंकड़े: सीताराम येचुरी
शुक्रवार को लोकसभा में सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के नेता ने तंज कसते हुए कहा कि उन्होंने हर बार की तरह अपना रटा रटाया चुनावी भाषण पढ़ा है।
नई दिल्ली:
शुक्रवार को लोकसभा में सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के नेता ने तंज कसते हुए कहा कि उन्होंने हर बार की तरह अपना रटा रटाया चुनावी भाषण पढ़ा है।
उन्होंने कहा कि पीएम ने लोकसभा में विपक्ष के सवालों का जवाब देने के बजाय अपने चुनावी जुमलों को दोहराया है।
येचुरी ने ट्वीट कर लिखा, 'प्रधानमंत्री ने लोकसभा में दिए अपने भाषण के दौरान एक बार फिर जुमलों को दोहराया और कुछ बेकार के आंकड़े पेश किए।'
उन्होने कहा कि अर्थव्यवस्था की हालत और लोगों की रोजी - रोटी की स्थिति जगजाहिर है। इतना ही नहीं भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दलों को भी इस सरकार में कोई विश्वास नहीं है।
The PM continues to repeat jumlas and read out some fudged data. The status of the Economy and livelihood conditions of our people is a lived reality. People will defeat this economic assault and the frenzied polarisation of our society.
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) July 20, 2018
प्रधानमंत्री के जवाब पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि देश के लोग देश में ध्रुवीकरण करने की कोशिश को परास्त कर देंगे।
और पढ़ें: आखिर कौन हैं अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करने वाले जयदेव गल्ला?
गौरतलब है कि शुक्रवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव रात 11 बजे वोटिंग के बाद गिर गया जिसमें सरकार के पक्ष में 325 वोट तो खिलाफ में 126 वोट पड़े।
आपको बता दें कि लोकसभा में तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के केसिनेनी श्रीनिवास पहले सांसद थे, जिन्होंने अविश्वास नोटिस दिया और उनसे इस प्रस्ताव को रखने के लिए कहा।प्रस्ताव को कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और माकपा के 50 सांसदों का समर्थन था।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी अविश्वास प्रस्ताव नोटिस दिया था। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से कहा कि उन्हें इस मामले में सभी नोटिस को एक समय में एक साथ लेना चाहिए था।
खड़गे और श्रीनिवास के अलावा कांग्रेस के के.सी. वेणुगोपाल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के तारिक अनवर, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन.के. प्रेमचंद्रन और टीडीपी के थोटा नरसिम्हन ने भी अविश्वास प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया था।
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