केंद्र ने बुधवार को सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम से संबंधित मीडिया में आई खबरों को 'भ्रामक' करार दिया और कहा कि आरटीआई के लिए शुल्क या शब्द संख्या में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
सरकार ने कहा कि वह आरटीआई कानून पूर्ण रूपेण और सहज रूप में लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'मीडिया के एक वर्ग में तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक खबर आई थी कि आरटीआई के लिए नए नियम बनाए गए हैं, जिनसे सरकार से सूचना प्राप्त करने के नागरिकों के अधिकार में परेशानियां पैदा होंगी।'
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बयान के मुताबिक, 'आरोप लगाया गया है कि आरटीआई की जानकारी को केवल 500 शब्दों की सीमा में बांध दी गई है और नियमों में गलत तरीके से शुल्क में वृद्धि का प्रावधान पेश किया गया है।'
कांग्रेस ने सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर आरटीआई अधिनियम का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि नए मसौदा नियम प्रशासन को 500 से अधिक शब्द होने पर किसी आरटीआई आवेदन को रद्द करने और साथ ही आवेदनकर्ता पर भारी शुल्क लगाने का अधिकार देता है।
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Source : IANS