चीन ने सोमवार को कहा कि वह परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में गैर-एनपीटी देशों को शामिल नहीं किए जाने के अपने रुख पर कायम है। इसके साथ ही यह साफ हो गया है कि भारत के एनएसजी में शामिल होने के प्रयासों को एक बार फिर धक्का पहुंचा है।
दुनिया भर के 48 देशों के इस एनएसजी समूह में शामिल होने के लिए चीन का समर्थन भारत के लिए जरूरी है।
हालांकि, चीन का बयान भारत की उम्मीदों से अब भी उलट है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने सोमवार को कहा, 'चीन ने एनएसजी में गैर-एनपीटी सदस्यों की भागीदारी को लेकर अपने रुख में कोई बदलाव नहीं किया है।'
चुनयिंग अगले महीने स्विट्जरलैंड की राजधानी बर्न में होने वाले एनएसजी के होने वाले अधिवेशन में भारत की दावेदारी के मौके से जुड़े एक सवाल का जवाब दे रही थीं।
भारत की ओर एनएसजी की सदस्यता की दावेदारी जताने के बाद चीन का करीबी पाकिस्तान भी सदस्यता के लिए दावेदारी पेश कर चुका है। चीन इससे पहले भी एनएसजी की सदस्यता हासिल करने के भारत के प्रयास में रोड़ा अटकाता रहा है।
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भारत को इस मसले पर अमेरिका सहित कई पश्चिमी देशों का समर्थन मिला है। बता दें कि भारत ने NPT पर हस्ताक्षर नहीं किया है और इस पूरे मसौदे को भेदभाव वाला बताता रहा है।
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HIGHLIGHTS
- चीन पहले से NSG पर भारत के खिलाफ खड़ा है, एनपीटी को बनाता रहा है मुद्दा
- भारत ने नहीं किया है NPT पर हस्ताक्षर, एनएसजी के लिए चीन का समर्थन जरूरी
Source : News Nation Bureau