संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में भारत और पाकिस्तान के बीच किसी तरह की द्विपक्षीय वार्ता नहीं होगी। विदेश मंत्रालय प्रवक्ता रवीश कुमार ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का यूनाइडेट नेशंस में 7 से 8 का दिन का प्रोग्राम है।
रवीश कुमार ने बताया कि इस पूरी यात्रा के दौरान विदेश मंत्री यूएनजीए में भाग लेंगी। इस दौरे में अहम मुद्दों पर चर्चा होगी।
वहीं पाकिस्तान की ओर से भी अभी तक वार्ता को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं है। कुमार ने कहा, 'पाकिस्तान के विदेश मंत्री वहां पर रीजनल मीटिंग के लिए जा रहे हैं। इसलिए दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की इस संबंध में मुलाकात हो सकती है।'
और पढ़ें: मुख्तार अब्बास नकवी की बहन फरहत को मिली जान से मारने की धमकी
वहीं यूएन में भारतीय उच्चायुक्त एस अकबरुद्दीन ने यूएनजीए में भारत की प्राथमिकताएं बताई। उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान सुधार, आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और शांति स्थापित करने जैसे मुद्दों पर होगा।
अकबरुद्दीन ने कहा, 'पिछले 40 सालों में पाकिस्तान ने औपचारिक तौर पर यूएन में कश्मीर का मुद्दा नहीं उठाया है। अगर इस बार कोई कश्मीर मुद्दा उठाता है तो वह अपना समय बर्बाद करेगा।'
वहीं जैश ए मुहम्मद के आतंकी मसूद अजहर पर अकरुद्दीन ने कहा कि वह एक आतंकी है। हमारा ध्यान उसे सजा दिलाने और कानून के दायरे में लाने पर होगा।
बता दें कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में 'रक्षा के प्रति दायित्व' और नरसंहार के खिलाफ चर्चा का समर्थन किया है। दुनिया के करीब 113 देशों ने इस चर्चा में सहमति पर वोट किया था। वहीं पाकिस्तान समेत 21 देशों ने इस विषय का विरोध करते हुए इस विषय पर चर्चा के लिए असहमति दर्ज की है।
और पढ़ें: पीएम मोदी अपने जन्मदिन के मौके पर आज देश को समर्पित करेंगे सरदार सरोवर बांध
Source : News Nation Bureau