तिहाड़ जेल में कैदी की पीठ पर ओम दागने के मामले में न्यूज नेशन की कवरेज के बाद कल रात में तिहाड़ जेल के प्रवक्ता को वर्जन जारी करना पड़ा. उन्होंने उसमें एक तरफ डीआईजी की देखरेख में जांच शुरू करने और और कुछ दिनों में एक अदालत में जांच रिपोर्ट दाखिल करने की बात कही है. वहीं साबिर को बेहद कुख्यात अपराधी और गैंगवार के लिए कुख्यात छेनू गैंग का मेंबर बताया गया है. उसके ऊपर हत्या की कोशिश और मकोका की धारा भी लगे होने की बात कही है.
इस बारे में उनके अधिवक्ता जगनमोहन का कहना है की साबिर को आर्म्स एक्ट में ही गिरफ्तार किया गया था. बाद में उसके ऊपर मकोका भी लगा दी गई.
उन्होनें ये भी बताया कि मकोका में अभी चार्ज निर्धारित नहीं हुए हैं. उसमें सुनवाई होगी तो पीड़ित परिवार की ओर से अदालत के सामने पक्ष रखा जाएगा. ऐसा लग रहा है कि तिहाड़ प्रशासन की ज्यादा कोशिश शिकायतकर्ता को कुख्यात अपराधी साबित करने पर है, न कि निष्पक्ष जांच करने की ओर.
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बता दें कि सीलमपुर का रहने वाला साबिर (Sabir) आर्म्स सप्लाई के केस में न्यायिक हिरासत में है. उसे जेल नंबर-4 के हाई रिस्क वार्ड में रखा गया था. उसे तिहाड़ (Tihar) से परिजनों को निर्धारित अवधि में कॉल करने का अधिकार मिला हुआ है. दो दिन पहले उसने अपने परिवार को फोन पर बताया कि उसके साथ जेल में कुछ अच्छा नहीं हो रहा है.
कल जब उसे न्यायिक हिरासत में कड़कड़डूमा कोर्ट में पेश किया गया तो उनके वकील जगमोहन और परिवार के सदस्य कोर्ट पहुंच गए. एडवोकेट जगमोहन ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट रिचा परिहार को अपने मुवक्किल की शिकायत के बारे में बताया. मजिस्ट्रेट ने लॉकअप के अंदर ही कैदी की पीठ पर दागे गए ओम के निशान के फोटोग्राफ्स क्लिक करवाए. साथ ही उनके वकील की अर्जी पर तिहाड़ प्रशासन को 24 घंटे में जवाब दाखिल करने का निर्देश जारी किया.
साबिर ने जेल नंबर-4 के सुपरीटेंडेंट पर गंभीर आरोप लगाए हैं. साबिर का कहना है कि उसने जेल द्वारा उपलब्ध करवाए गए इंडक्शन चूल्हा के खराब होने की बार-बार शिकायत की थी, इससे नाराज होकर सुपरीटेंडेंट ने उसे अपने ऑफिस में बुलाकर धमकाया कि, 'तू बहुत शिकायत करता है और यहां का नेता बनता है, आज तुझे हम सबक सिखाएंगे.'
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आरोप है कि उसके बाद सुपरीटेंडेंट ने कुछ लोगों के साथ मिलकर साबिर की पिटाई की और उसकी पीठ पर धातु गर्म करके करीब पांच इंच बड़ा ओम का निशान दाग दिया. पीठ पर सिगरेट से भी दागे जाने के निशान हैं. आरोप यह भी है कि साबिर को दो दिन भूखा रखा गया. सुपरीटेंडेंट ने मातहत अधिकारियों को निर्देश दिए कि साबिर को व्रत पर रखा जाए.
जिसके बाद मजिस्ट्रेट ने अपने आदेश में जेल प्रशासन को उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. कहा कि है कि जेल में सीसीटीवी कैमरों और अन्य कैदियों के बयान पर आधारित रिपोर्ट पेश की जाए. 18 अप्रैल को दोपहर 2 बजे तक तिहाड़ प्रशासन की ओर से जवाब दाखिल नहीं हुआ तो कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 22 अप्रैल तय कर दी है.
Source : News Nation Bureau