राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक, 2017 के खिलाफ विरोध करते हुए देशभर के निजी चिकित्सकों के 12 घंटे की हड़ताल के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कर्नाटक और केरल के कई अस्पतालों के बाहर ओपीडी बंद रहने के कारण मरीजों की लंबी लाइन देखी गई। केरल के सरकारी अस्पताल की एक महिला ने यहां कहा, 'एक चिकित्सक मेरा इलाज कर रहे थे कि तभी बीच में दूसरे चिकित्सक आ गए और उस चिकित्सक को बाहर खींच कर ले गए। मैं चिकित्सक के आने का इंतजार कर रही हूं। यह दयाहीनता है।'
सरकार के स्वामित्व वाले चिकित्सा कॉलेजों के चिकित्सकों ने सुबह आठ से नौ बजे तक और सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों ने सुबह नौ बजे से 10 बजे तक बाह्य रोगी विभाग से दूर रहने का फैसला किया। कई निजी अस्पतालों में विरोध प्रदर्शन शाम छह बजे तक चलेगा।
आपातकालीन सेवाएं प्रभावित नहीं हुई हैं।
आईएमए के पार्थिव सांघवी ने कहा, 'केंद्र सरकार ने हमारे पास इसे मेडिकल इतिहास का 'काला दिन' कहने के अलावा कोई रास्ता ही नहीं छोड़ा। 'नो टू एनएमसी' मरीजों के अलावा मेडिकल कम्युनिटी की नारा है।'
वहीं इस मामले पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, 'आईएमए के साथ कल बात हुई थी, हमने उनकी बातें सुनी औऱ अपना नजरिया भी सामने रखा।'
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक, 2017 के आने से राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) की जगह लेगा।
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Source : News Nation Bureau