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सुबह 10 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे नीतीश कुमार, राजभवन के बाहर धरने पर बैठे RJD विधायक

मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के करीब 16 घंटों के भीतर नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। हालांकि इस बार उनके साथ भारतीय जनता पार्टी के विधायक मंत्री पद की शपथ लेंगे। कुमार सुबह 10 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

Updated on: 27 Jul 2017, 07:18 AM

highlights

  • मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के करीब 16 घंटों के भीतर नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे
  • बुधवार शाम इस्तीफा देने के बाद गुरुवार को नीतीश कुमार सुबह 10 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे
  • इससे पहले माना जा रहा था कि कुमार आज शाम 5 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे

New Delhi:

मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के करीब 16 घंटों के भीतर नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। कुमार सुबह 10 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

इससे पहले माना जा रहा था कि वह आज शाम 5 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। हालांकि देर रात राज्यपाल के साथ करीब डेढ़ घंटे लंबी चली मुलाकात के बाद उनके शपथ ग्रहण के समय में अचानक बदलाव कर दिया गया।

करीब 20 महीने पुरानी महागठबंधन की सरकार से बुधवार शाम को इस्तीफा देने के बाद नीतीश कुमार ने देर रात राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी से मुलाकात कर उन्हें विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा।

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कुमार के साथ बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी मौजूद थे। नीतीश कुमार के इस्तीफे के तत्काल बाद बिहार बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) ने उन्हें समर्थन देने का ऐलान कर दिया था।

राज्यपाल से मुलाकात के बाद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि उनके पास 132 विधायकों का समर्थन है। माना जा रहा है कि सुशील कुमार मोदी नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में उप-मुख्यमंत्री होंगे।

इससे पहले भी एनडीए की सरकार में मोदी बिहार के उप-मुख्यमंत्री रह चुके हैं। मोदी 2005 से 2013 तक उप-मुख्यमंत्री रहे थे और इस दौरान नीतीश कुमार एनडीए खेमे में शामिल थे।

बिहार में बीजेपी के 53 विधायक हैं, वहीं महागठबंधन से अलग हुई जनता दल यूनाइटेड के 71 विधायक हैं। 243 सीटों वाले विधानसभा में दोनों दल सरकार बनाने के लिए जरूरी आंकड़े 123 को आसानी से पूरा कर लेते हैं।

इसके अलावा बिहार में बीजेपी की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के 2 विधायक हैं, जबकि राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के 2 विधायक हैं। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के एक विधायक हैं। इन दलों के विधायकों की संख्या को भी शामिल कर लिया जाए तो नीतीश कुमार के समर्थन में कुल 129 विधायक होते हैं।

जनता दल यूनाइटेड ने अपने पक्ष में निर्दलीय विधायकों के भी आने का ऐलान किया है। बिहार विधानसभा में कुल 4 निर्दलीय विधायक हैं।

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इस बीच नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण के समय में अचानक देर रात बदलाव किए जाने के राजभवन के फैसले पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने सवाल उठाए हैंं। फैसले का विरोध करते हुए आरजेडी ने राज्यपाल की 'नैतिकता' और 'ईमानदारी' पर सवाल उठाए हैं।

पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा, 'राज्यपाल ने हमें सुबह 11 बजे मिलने का वक्त दिया था। लेकिन अब एनडीए का शपथ ग्रहण समारोह 10 बजे तय कर दिया गया है। इतनी भी क्या हड़बड़ी है श्रीमान ईमानदार और नैतिक महोदय?'

कुमार के शपथ ग्रहण के समय में बदलाव किए जाने के बाद तेजस्वी यादव पार्टी के कुछ विधायकों के साथ देर रात राज्यपाल से मिलने पहुंचे। राज्यपाल से मिलने के बाद आरजेडी विधायक राजनिवास के बाहर धरने पर बैठ गए।

तेजस्वी ने कहा कि राज्य की सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद हमें अगर सरकार बनाने के लिए पहले नहीं बुलाया गया तो हम यहीं धरना देंगे।

माना जा रहा है कि राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के राज्यपाल से मिलने का समय मांगे जाने के बाद कुमार के शपथ ग्रहण समारोह के समय में बदलाव किया है। बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने राज्यपाल से आज मिलने का समय मांगा था। राजभवन ने उन्हें 11 बजे का समय दिया है।

महागठबंधन टूटने के बाद भी विधायकों की संख्या के आधार पर आरजेडी राज्य की सबसे बड़ी पार्टी है। इसी आधार पर पार्टी ने सरकार बनाने का दावा किया है। बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है। सबसे बड़ा दल होने के नाते हम सरकार बनाने का दावा करेंगे।

बिहार विधानसभा में आरजेडी के कुल 80 विधायक हैं वहीं महागठबंधन की तीसरी सहयोगी पार्टी कांग्रेस के पास 27 विधायक हैं। दोनों दलों के विधायकों की संख्या 107 होती है जो सरकार बनाने के लिए जरूरी आंकड़ा 123 से काफी कम है।

हालांकि तेजस्वी का दावा है कि जदयू के कई विधायक उनके संपर्क में है। इसके साथ ही तेजस्वी ने राज्यपाल के फैसले पर भी सवाल उठाया।

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