बिहार में महागठछबंधन की सरकार का अत नीतीश के इस्तीफे के साथ हो चुका है और राज्य में बीजेपी और जेडीयू की सरकार बनने की संभावना फिर नज़र आ रही है।
जानते हैं इन कारणों के बारे में:
1. लालू यादव के बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर होटल घोटाले का आरोप लगाया गया। जिसके बाद बीजेपी ने तेजस्वी के इस्तीफे की मांग की और नीतीश कुमार की चुप्पी पर सवाल भी उठाए।
2, भ्रष्टाचार को लेकर नीतीश ने कहा कि वो इससे कोई समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को अपना पक्ष जनता में रखना चाहिये। इसके बाद लालू यादव ने कहा कि तेजस्वी इस्तीफा नहीं देंगे।
3. इधर महागठबंध की राय से अलग नीतीश कुमार ने राष्ट्रपति पद के लिये एनडीए के उम्मीदवार रामनात कोविंद का समर्थन करने का ऐलान कर दिया। इस फैसले के बाद लालू यादव ने नीती श कुमार की आलोचना भी की।
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4. बिहार में बीजेपी के अध्यक्ष सुशील कुमार मोदी ने मीसा की आय के स्रोत को चुनौती दी और आरोप लगाया कि चुनाव आयोग को दिए अपने एफिडेविट में उसका ज़िक्र नहीं किया था। इस आरोप के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि जिन्होंने आरोप लगाया है और उन्हें लगता है कि आरोप सही हैं तो उन्हें आगे बढ़ना चाहिये। जिसके बाद ही सीबीआई ने मीसा भारती के ठिकानों पर छापा मारा। नीतीश का यह बयान लालू को गले नहीं उतरा था और तल्खी भी बढ़ी।
5. लालू यादव ने आरजेडी की बैठक के बाद फिर कहा कि तेजस्वी इस्तीफा नहीं देंगे और ना ही कोई सफाई देंगे। तेजस्वी को बर्खास्त करना भी सही फैसला नहीं होता क्योंकि लालू प्रसाद यादव विक्टिम कार्ड खेलते।
6. बिहार में सुशासन का नारा दिया था। अपनी छवि खराब होते देख नीतीश परेशान थे। ऐसे में राजनीतिक तौर पर अपनी छवि बनाए रखना महत्वपूर्ण था।
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Source : News Nation Bureau