logo-image

जेडीयू का शरद यादव खेमा नाराज, लालू यादव नीतीश के 'फ्लोर टेस्ट' को बना सकते हैं 'लिटमस टेस्ट'

पेशे से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर रह चुके बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू यादव को शॉक देते हुए 'महागठबंधन' तोड़ ली।

Updated on: 27 Jul 2017, 07:39 PM

highlights

  • नीतीश का बीजेपी का साथ जाना पड़ सकता है भारी, जेडीयू का एक खेमा नाराज
  • शरद यादव ने राहुल गांधी से की मुलाकात, राहुल ने कहा- नीतीश ने हमें धोखा दिया
  • नीतीश कुमार 28 जुलाई को कराएंगे फ्लोर टेस्ट, नाराज विधायकों पर होगी नजर

नई दिल्ली:

पेशे से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर रह चुके बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू यादव को शॉक देते हुए 'महागठबंधन' तोड़ ली। नीतीश कुमार ने लालू का साथ छोड़ने के 16 घंटे के भीतर दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में 'सांप्रदायिकता' के मुद्दे पर बीजेपी को घेरने वाले नीतीश कुमार ने शुक्रवार को बीजेपी के सहयोग से ही सरकार का गठन किया। लेकिन अभी भी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के मुखिया नीतीश कुमार की राह आसान नहीं है।

दरअसल नीतीश के खिलाफ जेडीयू में ही आवाज उठने लगी है। जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद शरद यादव नाराज बताये जा रहे हैं। जेडीयू नेता अली अनवर ने भी नीतीश से खुलकर नाराजगी जाहिर की है।

ऐसे में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अध्यक्ष लालू यादव के सरकार बनाने के दावे को मजबूती मिल सकती है। लालू ने राज्यपाल के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की बात की है। उन्हें विश्वास है कि वह सरकार बना सकते हैं।

शरद यादव बिहार में महागठबंधन टूटने से लेकर नई सरकार बनने तक की फिल्म से गायब रहे और चू तक नहीं की।

जब नीतीश पटना में नई सरकार संभाल रहे थे। तभी नई दिल्ली में शरद यादव ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिलकर अपनी राय जाहिर कर दी। राहुल ने महागठबंधन टूटने पर कहा है कि नीतीश कुमार ने हमें धोखा दिया है। राजनेता स्वार्थ के लिए कुछ भी कर जाते हैं।

खबर है कि गुरुवार शाम 5 बजे शरद यादव के घर जेडीयू से नाराज नेताओं की बैठक होने वाली है। जहां आगे की रणनीति तय की जाएगी। यह भी बताया जा रहा है कि बीजेपी के साथ जाने के कारण जेडीयू के 15 विधायक नीतीश कुमार से नाराज हैं।

और पढ़ें: बीजेपी के सहयोग से नीतीश बने सीएम, अखिलेश बोले- ना ना करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे

जेडीयू के बीजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने के निर्णय पर जेडीयू के राज्यसभा सांसद अली अनवर ने कहा, 'नीतीश कुमार ने अपनी अंतरात्मा की आवाज से इस्तीफा दिया और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना रहे हैं, लेकिन मेरा जमीर इस फैसले को नहीं मानता। मैं इस फैसले से खुश नहीं हूं।'

केरल इकाई भी नाराज
जेडीयू की केरल इकाई ने गुरुवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बीजेपी के साथ गठबंधन का विरोध किया और कहा कि वह उनके साथ अपना संबंध तोड़ रही है। जदयू की केरल इकाई के प्रमुख व राज्यसभा के सदस्य वीरेंद्र कुमार ने कहा कि वह फासीवादी शक्तियों के खिलाफ लड़ाई में उच्च सदन से इस्तीफा देने के लिए भी तैयार हैं।

सीटों का समीकरण
243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में जेडीयू और बीजेपी को मिलाकर 129 विधायक हो जाएंगे, जो जरूरी बहुमत 122 से अधिक है। बिहार में आरजेडी के 80, जेडीयू के 71, बीजेपी गठबंधन के 58, कांग्रेस के 27, वामदलों के 3 और निर्दलीय 4 विधायक हैं।

और पढ़ें: लालू ने नीतीश को कहा भस्मासुर, तेजस्वी को बताया पाक साफ, कहा- मैच फिक्स था

नीतीश के फैसले से नाराज 15 विधायकों में 11 यादव विधायक हैं और 5 मुस्लिम विधायक हैं। ऐसे में 'सोशल इंजीनियरिंग' में मास्टर लालू प्रसाद यादव अपने 80, कांग्रेस के 27, वामदलों के 3, निर्दलीय 4 और जेडीयू से नाराज 15 विधायकों के दम पर 122 का आंकड़ा पार कर सकते हैं। लेकिन राज्यपाल ने नीतीश कुमार को सरकार बनाने का मौका दिया है। नीतीश 28 जुलाई को फ्लोर टेस्ट कराएंगे। जो उनके लिए 'लिटमस टेस्ट' से कम नहीं रहने वाला है।

और पढ़ें: लालू-तेजस्वी को एक और झटका, रेलवे टेंडर मामले में ED ने दर्ज किया मामला