logo-image

नीतीश अपने स्टैंड पर कायम, उप-राष्ट्रपति पद के लिए गोपालकृष्ण गांधी को समर्थन

नीतीश ने कहा कि पहले भी वो महागठबंधन का हिस्सा होते हुए राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोंविंद का समर्थन किया था।

Updated on: 31 Jul 2017, 06:11 PM

नई दिल्ली:

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ये साफ कर दिया है कि जेडीयू (जनता दल यूनाइटेड) उप-राष्ट्रपति पद के लिए गोपालकृष्ण गांधी की उम्मीदवारी का ही समर्थन करेंगे। सोमवार को एक प्रेस कॉफ्रेंस के दोरान उन्होंने ये बात कही। उन्होंने कहा कि गठबंधन से इस निर्णय का कोई लेना देना नहीं हैं।

नीतीश ने कहा कि पहले भी वो महागठबंधन का हिस्सा होते हुए राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोंविंद का समर्थन किया था। और ये हमारे लिए प्रसन्नता की बात है कि बिहार के गवर्नर देश के राष्ट्रपति बने। इसलिए हम अपने पहले वाले निर्णय पर अडिग हैं।

बता दें कि उप-राष्ट्रपति पद के लिए 5 अगस्त को चुनाव होना है। विपक्ष के उप-राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के मुकाबले बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए ने वेंकैया नायडू को उम्मीदवार बनाया है।

2019 में नरेंद्र मोदी बनेंगे प्रधानमंत्री, उन्हें हराने की क्षमता किसी में नहीं: नीतीश कुमार

नीतीश कुमार के गोपाल कृष्ण गांधी के साथ मधुर संबंध रहे हैं। बिहार में नीतीश कुमार ने चंपारण आंदोलन के 100 दिन पूरे होने के मौके पर एक कार्यक्रम में भी गोपाल कृष्ण गांधी को बुलाया था। इस मुद्दे को लेकर भी नीतीश अपने स्टैंड पर उसी तरह कायम हैं जैसे मधुर संबंघ होने की वजह से राष्ट्रपति चुनाव में रामनाथ कोविंद के लिए कायम रहे।

एनडीए उम्मीदवार वेंकैया नायडू की उप-राष्ट्रपति के चुनाव में जीत पक्की मानी जा रही है। उपराष्ट्रपति चुनाव में सिर्फ लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य ही वोट करते हैं।

एनडीए के पास लोकसभा में 340 और राज्यसभा में 85 सांसद हैं। जबकि जेडीयू की लोकसभा में 2 सांसद और राज्यसभा में 10 सांसद हैं। यानी वो 12 सदस्य भी गठबंधन नियम के हिसाब से अब एनडीए का हिस्सा हो गई है। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ उन्होंने अलग रहने का फैसला किया है।

जेडीयू और कांग्रेस के गठबंधन के डर से लालू ने महागठबंधन बनाया: नीतीश