खत्म हुआ जेडीयू का अल्टीमेटम, बर्खास्त होंगे तेजस्वी या बना रहेगा महागठबंधन?
भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के चार दिनों की डेडलाइन के खत्म होने के बाद सबकी नजरें नीतीश कुमार के आधिकारिक निवास पर होने वाली विधायकों की बैठक पर टिक गई हैं।
highlights
- रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आधिकारिक निवास पर होने वाली बैठक पर टिकी नजरें
- जेडीयू विधायकों की बैठक में उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर फैसला लिए जाने की उम्मीद है
- जेडीयू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को तेजस्वी यादव पर पार्टी के रुख से अवगत करा दिया है
नई दिल्ली:
भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के चार दिनों की डेडलाइन के खत्म होने के बाद सबकी नजरें नीतीश कुमार के आधिकारिक निवास पर होने वाली विधायकों की बैठक पर टिक गई हैं।
रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आधिकारिक निवास पर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) विधायकों की बैठक होने जा रही है, जिसमें तेजस्वी यादव पर फैसला लिए जाने की उम्मीद है। जेडीयू का फैसला बिहार में महागठबंधन की तकदीर का फैसला करेगा।
जेडीयू की अहम बैठक से ठीक पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने दिल्ली में कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया गांधी से मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक दोनों नेताओं की बैठक में बिहार के मौजूदा राजनीति हालात को लेकर चर्चा हुई, जिसमें यादव ने गांधी को तेजस्वी यादव के मामले में जेडीयू के रुख से अवगत करा दिया है।
भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई की तरफ से एफआईआर किए जाने के बाद बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर इस्तीफे का दबाव है।
मुश्किल में कांग्रेस
जेडीयू ने विधायकों की पिछली बैठक में लालू की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को तेजस्वी के मामले में कार्रवाई किए जाने को लेकर चार दिनों का समय दिया था, जो शनिवार को खत्म हो गया।
हालांकि इस बीच लालू यादव, तेजस्वी को उप-मुख्यमंत्री बनाए रहने पर अड़े हुए हैं। पिछले चार दिनों में दोनों दलों के बीच बयानबाजी चरम पर पहुंच चुकी है। दोनों दलों के बीच बढ़ते टकराव में कांग्रेस के लिए बीच-बचाव करना मुश्किल हो रहा है।
दरअसल लालू यादव और उनकी पत्नी और बेटे के खिलाफ सीबीआई की एफआईआर के बाद जहां जेडीयू ने इस मामले में कुछ भी बोलने से परहेज किया वहीं कांग्रेसी नेता खुलकर लालू यादव और उनके परिवार के समर्थन में खड़े दिखे।
जेडीयू की अल्टीमेटम बैठक से पहले तेजस्वी के इस्तीफे की अटकलें तेज
इससे पहले राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन दिए जाने की वजह से कांग्रेस नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए उन्हें 'अवसरवादी' तक करार दे चुकी है।
यही कारण है कि नीतीश कुमार के साथ आरजेडी के बीच सुलह की कोशिश में कांग्रेस की भूमिका न केवल बेहद सीमित नजर आती है, बल्कि वह जेडीयू के मुकाबले आरजेडी के ज्यादा करीब नजर आती है।
जिद पर अड़े लालू
तेजस्वी के इस्तीफे के दबाव के बीच लालू यादव उन्हें कुर्सी से हटाने के पक्ष में नहीं है। विधायकों की बैठक से लेकर कई मौकों पर वह तेजस्वी के इस्तीफा नहीं दिए जाने की बात दोहरा चुके हैं। लालू बार-बार इस बात को दोहराते रहे हैं कि तेजस्वी के इस्तीफे के लिए एफआईआर होना पर्याप्त नहीं है।
वहीं जेडीयू भ्रष्टाचार के मामले में पार्टी की 'जीरो टॉलरेंस' की नीति का हवाला देते हुए इस्तीफे से कम पर कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है।
क्या बर्खास्त होंगे तेजस्वी?
तो क्या रविवार को होने वाली बैठक में नीतीश कुमार तेजस्वी यादव को बर्खास्त करेंगे? पार्टी ने अभी तक इस बारे में कुछ भी बोलने से परहेज किया है लेकिन खबरों के मुताबिक अगर बैठक से पहले तेजस्वी इस्तीफा नहीं देते हैं, तो उन्हें बर्खास्त किया जा सकता है।
महागठबंधन में बढ़ी दरारः नीतीश कुमार के साथ मंच पर नहीं दिखे तेजस्वी, ढकी गई नेम प्लेट
नीतीश कुमार ने महागठबंधन की तीसरी सहयोगी पार्टी कांग्रेस को अपने इस फैसले के बारे में बता दिया है।
तेजस्वी पर नीतीश के रुख को लेकर जेडीयू और आरजेडी के रिश्तों में भी कड़वाहट आने लगी है, जो अब सार्वजनिक मंचों पर दिखाई दे रहा है। हालांकि अभी तक दोनों दल यह कहते रहे हैं कि महागठबंधन में सब कुछ ठीक है।
शनिवार को पटना के एक सार्वजनिक कार्यक्रम में तय होने के बावजूद उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव नहीं पहुंचे, जबकि उन्हें इस कार्यक्रम में नीतीश कुमार के साथ होना था। इतना ही नहीं नीतीश कुमार ने इस दौरान आरजेडी के मंत्रियों से दूरी बनाए रखी।
तेजस्वी के इस्तीफे को लेकर आरजेडी और जेडीयू वैसी स्थिति में पहुंच चुके हैं, जहां से वापस लौटने की संभावना कम ही दिखाई देती है।
इस बीच राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस ने भी अपने विधायकों की संयुक्त बैठक बुलाई है। हालांकि दोनों दलों ने यह बैठक राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बुलाई है। लेकिन नीतीश कुमार के पार्टी विधायकों की बैठक के समानांतर महागठबंधन में शामिल दो अन्य दलों की संयुक्त बैठक के अन्य मायने निकाले जा रहे हैं।
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