धर्मनिरपेक्षता की आड़ में पाप छिपाने वालों के साथ नहीं रह सकता: नीतीश
विधानसभा में करीब दस मिनट के भाषण में लालू और उनकी राजनीति पर इशारों में कड़ा प्रहार करते हुए कहा, 'लोगों (विपक्षी नेताओं) को मुझे धर्मनिरपेक्षता की सीख नहीं देनी चाहिए। धर्मनिरपेक्षता केवल कहना भर नहीं है बल्कि इसे व्यवहार में लाया जाना चाहिए। मैं धर्मनिरपेक्षता की आड़ में उन लोगों के साथ नहीं हो सकता जो इसकी मदद से भ्रष्ट तरीकों से संपत्ति अर्जित करते हैं।'
highlights
- विश्वास मत के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने धर्मनिरपेक्षता को लेकर लालू पर साधा निशाना
- नीतीश ने कहा कि वह उन लोगों के साथ नहीं रह सकते, जो धर्मनिरपेक्षता की आड़ में अपने पापों को छिपाते हैं
नई दिल्ली:
महागठबंधन से अलग होने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू यादव पर जमकर हमला बोला।
बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) के सहयोग से सरकार बनाने के बाद विधानसभा में विश्वास मत के दौरान नीतीश ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए लालू यादव को लपेटे में लिया।
विधानसभा में करीब दस मिनट के भाषण में लालू और उनकी राजनीति पर इशारों में कड़ा प्रहार करते हुए कहा, 'लोगों (विपक्षी नेताओं) को मुझे धर्मनिरपेक्षता की सीख नहीं देनी चाहिए। धर्मनिरपेक्षता केवल कहना भर नहीं है बल्कि इसे व्यवहार में लाया जाना चाहिए। मैं धर्मनिरपेक्षता की आड़ में उन लोगों के साथ नहीं हो सकता जो इसकी मदद से भ्रष्ट तरीकों से संपत्ति अर्जित करते हैं।'
गौरतलब है कि बेनामी संपत्ति और भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ कई केंद्रीय एजेंसियां जांच कर रही हैं।
नीतीश कुमार ने जीता विश्वासमत, नाराज़ तेजस्वी ने जमकर निकाली भड़ास
महागठबंधन से अलग होने के नीतीश के फैसले पर लालू और कांग्रेस हमलावर थे। नीतीश ने समय आने पर जवाब दिए जाने की बात कह पहले तो कुछ नहीं कहा लेकिन विधानसभा में विश्वासमत पेश किए जाने के दौरान उनका सब्र जवाब दे गया।
नीतीश ने इस दौरान तेजस्वी यादव के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के मामलों पर भी बोला। नीतीश ने कहा कि मैंने तेजस्वी से भ्रष्टाचारे के आरोपों को लेकर सफाई देने को कहा था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
गौरतलब है सीबीआई ने रेलवे के टेंडरों में की गई हेराफेरी के मामले में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया था, जिसके बाद महागठबंधन में भूचाल आ गया था।
भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद तेजस्वी के इस्तीफे की मांग उठ रही थी, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया। तेजस्वी के इस्तीफे को लेकर चली लंबी बयानबाजी के बाद आखिरकार जेडीयू ने महागठबंधन से नाता तोड़ते हुए बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने का फैसला लिया।
हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप पर BJP का पलटवार, कांग्रेस को बताया डूबता जहाज
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Chanakya Niti: चाणक्य नीति क्या है, ग्रंथ में लिखी ये बातें गांठ बांध लें, कभी नहीं होंगे परेशान
-
Budhwar Ganesh Puja: नौकरी में आ रही है परेशानी, तो बुधवार के दिन इस तरह करें गणेश जी की पूजा
-
Sapne Mein Golgappe Khana: क्या आप सपने में खा रहे थे गोलगप्पे, इसका मतलब जानकर हो जाएंगे हैरान
-
Budhwar Ke Upay: बुधवार के दिन जरूर करें लाल किताब के ये टोटके, हर बाधा होगी दूर