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हार्न की कर्कश आवाज से मिलेगी मुक्ति, अब गाड़ियों में बजेगी ये मधुर ध्वनि

देश की जनता को जल्द गाड़ियों के हॉर्न की कर्कश आवाज से निजात मिलने वाली है. हॉर्न (vehicles horn) की तेज आवाज की जगह भारतीय वाद्य यंत्र की मधुर ध्वनि सुनाई देगी.

Updated on: 07 Sep 2021, 10:52 PM

highlights

  • नितिन गडकरी ने हॉर्न की आवाज पर जताई नाराजगी 
  • केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों के साथ की बैठक
  • विभाग गाड़ियों के हॉर्न की आवाज बदलने पर कर रहा काम 

नई दिल्ली:

देश की जनता को जल्द गाड़ियों के हॉर्न की कर्कश आवाज से निजात मिलने वाली है. हॉर्न (vehicles horn) की तेज आवाज की जगह भारतीय वाद्य यंत्र की मधुर ध्वनि सुनाई देगी. दरअसल, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हॉर्न की आवाज पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि विभाग हॉर्न की आवाज बदलने पर काम कर रहा है. योजना के मद्देनजर दिल्ली में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) ने अधिकारियों के साथ बैठक की है और आने वाले वक्त में इसकी रूपरेखा तैयार कर ली जाएगी.

क्या है नितिन गडकरी की योजना?

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अधिकारियों के साथ बैठक करके नए नियमों को लेकर रणनीति बनाई है. नितिन गडकरी का कहना है कि आपको जल्द ही गाड़ियों के हॉर्न की कर्कश आवाज से मुक्ति मिल जाएगी. 

कैसी होगी हॉर्न की आवाज? 

आने वाले दिनों में लोगों को अब चलती हुई सड़क पर वायलिन, बांसुरी, तबले, बिगुल और ढोलक की आवाज सुनाई पड़ेगी. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि आने वाले वक्त में वाहनों के हॉर्न की कर्कश आवाज से मुक्ति मिलेगी. हॉर्न की इरि​टेटिंग साउंड की जगह भारतीय संगीत वाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनि सुनाई देगी.

आपको बता दें कि पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने न्यूज नेशन और न्यूज स्टेट के विशेष कार्यक्रम 'बनारस देखत हौ' में कहा कि जवाहर लाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी हिंदुस्तान के दो आदर्श नेता हैं. दोनों कहते थे कि हम हमेशा अपने लोकतांत्रिक मर्यादा का पालन करेंगे. उन्होंने कहा कि इस देश के लोकतंत्र को यशस्वी बनाने के लिए मजबूत विपक्ष की आवश्यकता है. पं. जवाहर लाल नेहरू ने हमेशा अटल बिहारी वाजपेयी का सम्मान किया. मजबूत लोकतंत्र के लिए मजबूत विपक्ष जरूरी है. 

गडकरी ने लोकतंत्र की सफलता के लिए विपक्ष को आवश्यक बताते हुए कहा कि लोकतंत्र की गाड़ी अगर ठीक से चले तो सत्तापक्ष के साथ  विपक्ष को भी मजबूत होना चाहिए. लोकतंत्र की गाड़ी के दो पहिए हैं-सत्तापक्ष और विपक्ष. विपक्ष को मजबूत होना चाहिए और सत्तापक्ष पर उसका अंकुश बना रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को मजबूत विपक्ष बन कर जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभानी चाहिए. लोकतंत्र के लिए यह आवश्यक है.लोकतंत्र के चारों स्तंभों-विधायिका,कार्यपालिका,न्यायपालिका और मीडिया को अपना काम जिम्मेदारी से करने की सलाह देते हुए गडकरी ने कहा कि यदि इसमें से एक भी अंग ठीक से काम नहीं करेगा तो लोकतंत्र ठीक से नहीं चल सकता.