पिछले काफी समय से विपक्ष के कई नेता बीजेपी में शामिल होने के लिए आतुर हैं. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इन्हीं नेताओं को सलाह देते हुए कहा है कि इस मुश्किल घड़ी में नेताओं को डूबते जहाज से कूदते चूहों की तरह बर्ताव नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा, नेताओं को राजनीति का मतलब समझना होगा. केवल सत्ता की राजनीति को राजनीति नहीं कहा जाता. उन्होंने उदाहरण के तौर पर महात्मा गांधी, लोकमान्य तिलक, पं. जवाहर लाल नेहरू और वीर सावरकर का नाम लिया और कहा कि ऐसे नेता सत्ता की राजनीति में कभी नहीं हुए.
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दरअसल नितिन गडकरी ने रविवार को लोकमत समूह द्वारा आयोजित 'पॉलिटिकल आइकन ऑफ विदर्भ' किताब की लॉन्चिंग कार्यक्रम में शिरकत की थी. इसी कार्यक्रम में उन्होंने ये बात कही. उनहोंने कहा, नेताओं को एक ही विचारधारा पर टिके रहना चाहिए. उन्होंने कहा, नेताओं को सिद्धांतों से समझौता किए बगैर धैर्य रखना चाहिए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नितिन गडकरी ने कहा, अपनी पार्टी के बुरे वक्त में मैंने कभी भी पार्टी का साथ नहीं छोड़ा. लेकिन मौजूद हालात इस तरह के हैं जहां आज कल नेता ये ध्यान में रखकर पार्टियों में शामिल होते हैं कि कौन सी पार्टी सत्ता में है.
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नितिन गडकरी ने कहा, 'लोग उनके पीछे भागते हैं, जो सत्ता में होते हैं. आज हम सत्ता में हैं, वे हमारे साथ आएंगे. कल किसी और को सत्ता मिलेगी तो वे उनके पीछे भागेंगे. लोग बिल्कुल ऐसे पाला बदलते हैं, जैसे डूबते हुए जहाज से चूहे कूदते हैं.' बता दें, नितिन गडकरी का बयान ऐसे समय में सामने आया जब कांग्रेस के कई नेता बीजेपी में शामिल हो गए हैं और कई लोगों के शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं.