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कार में सफर करते समय इस बात का रखें पूरा ध्यान, नितिन गडकरी ने दिया संकेत

टाटा संस के पूर्व चेयरमैन और मशहूर कारोबारी सायरस मिस्त्री की सड़क दुर्घटना में हुई मौत के बाद से देश में रोड सेफ्टी यानी सड़क सुरक्षा पर एक बहस छिड़ गई है.

Updated on: 06 Sep 2022, 10:49 AM

नई दिल्ली:

टाटा संस के पूर्व चेयरमैन और मशहूर कारोबारी सायरस मिस्त्री की सड़क दुर्घटना में हुई मौत के बाद से देश में रोड सेफ्टी यानी सड़क सुरक्षा पर एक बहस छिड़ गई है. इस क्रम में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने सोमवार को कहा कि सड़क सुरक्षा के लिए आम आदमी की सोच को बदला जाना बहुत जरूरी है. गाड़ी में यात्रा करते समय पीछे की सीट पर बैठे लोग सोचते हैं कि उनको बेल्ट लगाने की कोई जरूत नहीं है. बस यही सबसे बड़ी समस्या है. उन्होंने कहा कि मैं किसी दुर्घटना कर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता. लेकिन गाड़ी में आगे और पीछे बैठने वाले दोनों को सीट बेल्ट लगाने की जरूरत है. आपको बता दें कि नितिन गडकरी यहां आईएए द्वारा आयोजित ग्लोबल समिट-नेशनंस एज ब्रांड को संबोधित कर रहे थे. 

मैं ऐसे चार मुख्यमंत्रियों की कार में सफर कर चुका हूं...

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आम लोगों की छोड़िए, मैं ऐसे चार मुख्यमंत्रियों की कार में सफर कर चुका हूं...जिनमें आगे वाली सीट पर बैठा और मैंने पाया कि वहां एक क्लिप लगी थी ताकि बेल्ट न लगाए जाने पर भी कार में कोई आवाज न हो सके. मैंने तभी ड्राइवर से पूछा की सीट बेल्ट कहां हैं और कार के चलने से पहले सीट बेल्ट लगाना सुनिश्चित किया. हालांकि गडकरी ने इस दौरान मुख्यमंत्रियों का नाम बताने से मना कर दिया. गडकरी ने कहा कि मंत्रालय अब इस बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए बॉलीवुड स्टार्स, क्रिकेटर्स और मीडिया का सहारा ले रहा है. नितिन गडकरी का यह बयान टाटा संस के पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री के कार दुर्घटना में हुई मौत के बाद आया. पुलिस ने जांच के बाद खुलासा किया कि दुर्घटना के समय मिस्त्री कार की पिछली सीट पर बैठे हुए थे और उन्होंने सीट बेल्ट नहीं लगा रखी थी. इसके साथ ही एक्सीडेंट से पहले कार ओवर स्पीड़ थी.

सायरस मिस्त्री का एक्सीडेंट देश के लिए बहुत बड़ा झटका

गडकरी ने कहा कि सायरस मिस्त्री का एक्सीडेंट देश के लिए बहुत बड़ा झटका है. वह मेरे बहुत अच्छे मित्र थे. हमारी समस्या यह है कि भारत में हर साल 5 लाख सड़क दुर्घटना और डेढ़ लाख मौत होती हैं. और इनमें भी 65 प्रतिशत मौत 18 से 34 साल के उम्र वाले लोगों की होती है. उन्होंने कहा कि अहमदाबाद-मुंबई हाइवे बहुत खतरनाक है. जब मैं मुंबई में मंत्री था तब मैंने ही इसका काम पूर्ण कराया था.