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भारतीय जनता पार्टी न कभी अटल-आडवाणी की पार्टी थी और न अब मोदी-शाह की : नितिन गडकरी

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी दोनों एक दूसरे के पूरक हैं

Updated on: 11 May 2019, 08:43 AM

highlights

  • भारतीय जनता पार्टी एक विचारधारा वाली पार्टी है
  • न तो ये पहले अटल-आडवाणी की थी न अब मोदी-शाह की है
  • गडकरी ने कहा बीजेपी और मोदी एक-दूसरे के पूरक

नई दिल्ली:

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि बीजेपी विचारधारा पर आधारित पर पार्टी है. यह कभी केवल नरेंद्र मोदी या अमित शाह की पार्टी नहीं बन सकती. उन्होंने आगे कहा कि यह पार्टी न कभी केवल अटल जी की बनी, न कभी आडवाणी जी की और न ही यह कभी केवल अमित शाह या नरेंद्र मोदी की पार्टी बन सकती है. बीजेपी विचारधारा पर आधारित पार्टी है और यह कहना गलत है कि बीजेपी मोदी-केन्द्रित हो गई है. इसके अलावा बीजेपी के वरिष्ठ नेता गडकरी ने कहा इस बार बीजेपी को पिछली बार से भी ज्यादा सीटें मिलेंगी.

'एक दूसरे के पूरक हैं मोदी और बीजेपी'
समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में गडकरी ने कहा कि पीएम मोदी औप बीजेपी दोनों एक दूसरे के पूरक हैं. जब गडकरी से ये सवाल किया गया क्या बीजेपी में 'इंदिरा इज इंडिया एन्ड इंडिया इज इंदिरा' की तर्ज पर 'मोदी ही बीजेपी और बीजेपी ही मोदी' वाली स्थिति हो गई है, तब गडकरी ने कहा कि बीजेपी जैसी पार्टी व्यक्ति-केन्द्रित कभी नहीं हो सकती है. यह विचारधारा पर आधारित पार्टी है. भारतीय जनता पार्टी में परिवार राज नहीं हो सकता. यह धारणा पूरी तरह से गलत है कि बीजेपी मोदी केन्द्रित हो गई है. पार्टी का संसदीय दल है वही सभी अहम फैसले करता है. उन्होंने तर्क दिया कि पार्टी और उसका नेता एक दूसरे के पूरक हैं. गडकरी ने कहा कि पार्टी बहुत मजबूत हो, लेकिन नेता मजबूत न हो तो चुनाव नहीं जीता जा सकता है. इसी तरह नेता कितना भी मजबूत हो लेकिन पार्टी कमजोर हो तो भी काम नहीं चलेगा... हां, यह सही है जो सबसे लोकप्रिय जननेता होता है वह स्वाभाविक रूप से सामने आता ही है.

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'बीजेपी ने देश की सुरक्षा पर हमेशा चर्चा की'
विपक्ष के इन आरोपों पर कि बीजेपी 5 सालों की नाकामियां छिपाने के लिए इस तरह के भावनात्मक मुद्दे उठा रही है, गडकरी ने कहा कि हमने इसे मुद्दा कतई नहीं बनाया. गडकरी ने कहा कि हर चुनाव में देश की सुरक्षा पर हमेशा चर्चा हुई है. पीएम मोदी की स्पीच में पाकिस्तान और सेना का बार-बार जिक्र करने का गडकरी ने बचाव किया. उन्होंने कहा कि दरअसल हाल ही में पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों का जवाब भारत को देना पड़ा. ये विषय जब सामने आए तो आंतरिक और बाह्य सुरक्षा से जुड़े इस विषय पर चर्चा होना स्वाभाविक है. इसलिए राष्ट्रवाद को हमने मुद्दा नहीं बनाया है, बल्कि मीडिया ने बालाकोट सैन्य कार्रवाई पर उठे सवालों को चर्चा में लाकर इसे मुद्दा बना दिया.

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5 साल की उपलब्धियों पर बोले गडकरी
5 साल में सरकार की उपलब्धियों के सवाल पर गडकरी ने कहा कि मोदी सरकार ने देशहित में राष्ट्रीय राजमार्ग, हवाईअड्डे, अंतरदेशीय जलमार्ग जैसी बड़ी-बड़ी योजनाएं शुरु कीं. इससे देश में बहुत बड़ा बदलाव दिखाई दिया. इसके अलावा, जनधन, मुद्रा, उज्जवला, आयुष्मान और फसल बीमा योजना से लेकर प्रधानमंत्री आवास योजना तक सभी के बहुत अच्छे परिणाम दिखाई दिए हैं. गडकरी ने ये भी कहा कि पिछले 50 सालों में जितने काम नहीं हुए थे वो बीते 5 सालों में होते हुए दिखाई दिए जिसे देखते हुए जनता ने इस बार भी हमें चुनने का निर्णय ले लिया है.

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रोजगार पर बोले नितिन गडकरी
जब गडकरी से यह पूछा गया कि रोजगार में तेजी से आयी गिरावटों और आर्थिक मंदी की हकीकत पर सरकार चिंतित है या नहीं तो गडकरी ने इसक जवाब देते हुए कहा कि अकेले मेरे विभाग में 17 लाख करोड़ रुपये के काम हुए. इनमें 11.5 लाख करोड़ रुपये के काम सड़कों के हुए हैं. इसके अलावा देश के उत्पादन का कुल 40 प्रतिशत सीमेंट सरकार खरीदती है तो इससे कहीं न कहीं रोजगार तो सृजित हुआ ही है. साथ ही उन्होंने यह दलील भी दी कि सभी बंदरगाह लाभ की स्थिति में हैं और नौवहन से कारोबार शुरु होने से भाड़े की लागत कम होगी. गडकरी ने कहा कि जब लागत कम हो रही हो, रोजगार पैदा हो रहे हों तो मंदी की बात कहां है.