नितिन गडकरी, एक ऐसा नाम, जो अपने काम की वजह से अलग पहचान रखता है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर केंद्र सरकार में दो बार हैवीवेट मिनिस्ट्री की कमान संभालने का अनुभव. कुल मिलाकर नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) किसी भी पार्टी में होते, तो शीर्ष पर ही होते. अब भी वो भी शीर्ष पर ही हैं. उनकी अपनी फैन फॉलोइंग है. उनके काम को सराहा जाता है. गडकरी राजनीतिक जीवन के 4 दशक पूरे कर चुके हैं. इस बीच पुणे में एक कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने कांग्रेस और अपने राजनीतिक जीवन को लेकर एक किस्सा सुनाया और बताया कि कैसे वो हमेशा पार्टी के लिए समर्पित रहे. नितिन गडकरी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं, नेताओं को सांत्वना देते हुए कहा कि वो पार्टी का साथ न छोड़ें, क्योंकि बुरा समय अस्थाई होता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का मजबूत होना देश के लोकतंत्र के लिए अच्छा रहेगा.
गडकरी बोले- मर जाऊंगा लेकिन पार्टी नहीं छोड़ूंगा
पुणे में शनिवार को आयोजित एक कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने अपने अनुभव और देश के लोकतंत्र को लेकर एक किस्सा सुनाया. उन्होंने कांग्रेसियों को सलाह देते हुए कहा, 'जो भी कांग्रेस विचारधारा का पालन करते हैं, उन्हें पार्टी में रहना चाहिए और अपने सिद्धांतों पर भरोसा करना चाहिए. 1978-80 में मैं बीजेपी में शामिल हुआ और पार्टी अधिवेशन में भाग लेने के लिए पुणे आया था. जब मैं कंधों पर प्रचार सामग्री लेकर रेलवे स्टेशन पर उतरा, तो श्रीकांत जिचकर से टकरा गया, जिन्होंने मुझे सलाह दी कि मुझे 'अच्छी पार्टी' में जाना चाहिए, जो मुझे भविष्य दे.' गडकरी ने आगे कहा, 'मैंने उन्हें बताया कि कुएं में कूद कर मर जाऊंगा, लेकिन अपनी विचारधारा नहीं छोड़ूंगा. उस समय लोकसभा में बीजेपी के केवल दो सांसद थे. लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं के प्रयासों से समय बदला और हमें प्रधानमंत्री के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी मिले. तो व्यक्ति को निराशा के समय में अपनी विचारधारा नहीं छोड़नी चाहिए.'
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दो पहियों पर चलता है लोकतंत्र
गडकरी ने कहा कि कांग्रेस (Congress) का कमजोर होने से उसकी जगह क्षेत्रीय पार्टियों ने ले ली है, जो भारतीय लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वे चाहते हैं कि कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत हो जाए. फिलहाल, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में ही कांग्रेस सरकार है. नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि लोकतंत्र दो पहियों पर चलता है- सत्ता पक्ष और विपक्ष. एक मजबूत विपक्ष लोकतंत्र की जरूरत है. इसलिए मेरी इच्छा है कि कांग्रेस को मजबूत होना चाहिए. साथ ही कांग्रेस के कमजोर होने से उसकी जगह क्षेत्रीय दलों ने ले ली है, जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है.
कांग्रेस का चुनावी प्रदर्शन रहा बेहद खराब
बता दें कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था. कांग्रेस ने पंजाब में भी सत्ता गंवा दी. विधानसभा चुनाव 2020 में पार्टी 117 में से केवल 18 सीटें हासिल कर सकी थी. गोवा में भी कांग्रेस असफल रही तो मणिपुर, उत्तराखंड में भी पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा. यूपी में तो कांग्रेस की हालत इतनी खराब रही कि उसके सिर्फ 2 प्रत्याशी ही जीत हासिल कर पाए.
HIGHLIGHTS
- नितिन गडकरी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को दी सांत्वना
- धैर्य धारण करने और पार्टी का साथ न छोड़ने की दी नसीहत
- क्षेत्रीय दलों के उभार से लोकतंत्र को नुकसान