बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि अगर पूरे देश के लिए जातीय जनगणना का निर्णय नहीं होता है तो इस पर राज्य में अलग से करवाने पर विचार किया जाएगा।
बिहार के समस्तीपुर में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर पटना लौटने के बाद हवाई अड्डे पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ से लोग प्रभावित हुए हैं, जो नुकसान हुआ है, उसका आकलन कर प्रभावितों की मदद की जाएगी।
पत्रकारों द्वारा जातीय जनगणना को लेकर प्रधानमंत्री से मुलाकात के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, रविवार की शाम हमलोग दिल्ली जाएंगे। 23 अगस्त को 11 बजे दिन में प्रधानमंत्री से मुलाकात का समय तय है। प्रधानमंत्री से मुलाकात के लिये बिहार से जाने वाले प्रतिनिधिमंडल की सूची पहले ही भेज दी गयी है। मेरे साथ 10 पार्टियों के नेता दिल्ली जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि जातिगत जनगणना होनी चाहिये, इसी पर हमलोग अपनी बात रखेंगे। यह केन्द्र सरकार के ऊपर निर्भर है कि वो क्या निर्णय लेती है। हालांकि उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री इस पर सकारात्मक रूख अपनाएंगें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले से ही हमलोग इसकी चर्चा करते रहे हैं। सभी दल के लोगों ने इस पर सहमति भी जताई है। विधानमंडल में भी इस पर चर्चा हुई है।
पत्रकारों द्वारा अगर केन्द्र सरकार जातीय जनगणना के लिये तैयार नहीं हुई तो क्या बिहार सरकार जातीय जनगणना खुद से कराएगी पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा, हम लोगों ने पहले भी कहा है कि अगर पूरे देश के लिए जातीय जनगणना का निर्णय नहीं होता है तो इस पर विचार किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में जदयू के चुनाव लड़ने की तैयारी के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आगे की बात है। उसके लिये हमारी पार्टी के लोग बातचीत करेंगे।
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Source : IANS