लोकसभा चुनाव के नतीजों से नीति आयोग ने राहत की सांस ली है. चुनाव के नतीजों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बंपर जीत के बाद इस संस्था पर मंडरा रहे संकट के बादल छंट गए हैं. अब जबकि संकट खत्म हो गया है, नीति आयोग ने नई सरकार के वादों के हिसाब से योजनाओं पर काम करना शुरू कर दिया है.
नीति आयोग के सभी अधिकारियों को आशंका थी कि अगर चुनाव बाद यूपीए की सरकार आती है तो यह संस्थान बंद कर दिया जाएगा, जैसा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनावों में वादा किया था. राहुल गांधी ने चुनावों के दौरान नीति आयोग को बंद करने का वादा किया था. कांग्रेस के घोषणापत्र में भी नीति आयोग को बंद करने की बात कही गई थी. कांग्रेस ने घोषणापत्र में स्पष्ट कहा था कि योजना आयोग को नए सिरे से शुरू किया जाएगा, जो नए सिरे से योजनाएं बनाएगा.
चुनाव नतीजों के बाद जब आयोग पर से खतरा खत्म हो गया, तब उसके कामकाज में तेजी देखने को मिल रही है. आयोग में न सिर्फ खाली पदों को भरने का काम किया जा रहा है, बल्कि नई सरकार के लिए शुरुआती 100 दिन का एजेंडा और अगले 5 साल के लिहाज से मजबूत नीतियां बनाने का काम तेजी से चल रहा है.
आयोग के नए एजेंडे
- देश में प्रदूषण के स्तर को घटनाने की कोशिश
- जीडीपी की रफ्तार 9-10 फीसद पहुंचाने का लक्ष्य
- वैकल्पिक ईंधन के नए स्त्रोत बढ़ाने पर जोर
- आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं का दायरा बढ़ाने की कोशिश
Source : Sunil Mishra