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नीति आयोग की सलाह, 2024 में एक साथ हो लोकसभा और विधानसभा चुनाव

नीति आयोग ने 2024 से दो चरणों में होने वाले लोक सभा और विधान सभा चुनाव को एक साथ करने का सुझाव दिया है।

Updated on: 30 Apr 2017, 02:32 PM

नई दिल्ली:

नीति आयोग ने 2024 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव को एक साथ कराने का सुझाव दिया है आयोग ने कहा कि राज्यों और केंद्र के चुनाव एक साथ कराए जाने से सरकारी कार्यों में रुकावटें कम होंगी और साथ ही चुनाव में होने वाले खर्च में भी कमी आएगी। 

नीति आयोग के अनुसार प्रस्ताव को लागू करने के लिए कुछ राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल एक बार के लिए बढ़ और घट भी सकता है।

राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एकसाथ करवाने की वकालत कर चुके हैं। इधर, नीति आयोग ने नोडल एजेंसी यानी चुनाव आयोग को इस पर गौर करने को कहा और एकसाथ चुनावों का रोडमैप तैयार करने के लिए संबंधित पक्षकारों का एक कार्यसमूह गठित करने का सुझाव दिया। इस संबंध में 6 महीने के अंदर रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जाना है और इसका अंतिम खाका अगले मार्च तक तैयार होगा।

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इस मसौदा रिपोर्ट को 23 अप्रैल को नीति आयोग के गवर्निंग काउंसिल के सदस्यों के बीच प्रसारित किया गया था। इन सदस्यों में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और अन्य लोग शामिल हैं।

नीति आयोग की मसौदा रिपोर्ट कहती है, 'भारत में सभी चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और समकालिक तरीके से होने चाहिए ताकि शासन व्यवस्था में प्रचार मोड के कारण होने वाला व्यवधान कम से कम किया जा सके। हम 2024 के चुनाव से इस दिशा में काम शुरू कर सकते हैं।' इस वजह से यह सिफारिश अहम है।  

प्रधानमंत्री ने कहा था, 'चुनाव आयोग को लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराए जाने के प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए राजनीतिक दलों से परामर्श लेनी होगी।'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव से पहले कहा था कि एक साथ चुनाव नहीं होने से हम सभी को नुकसान होगा लेकिन एक सरकार या एक पार्टी ये बदलाव नहीं कर सकती। हमें एक साथ रास्ता निकालना होगा

देश में हर वक़्त कहीं न कहीं चुनाव होते है। इस वजह से देश के सरकारी खजाने को चपत लगती रहती है। 2009 में हुए लोक सभा चुनाव में 1,100 करोड़ रूपये खर्च हुए थे और 2014 के चुनाव में 4,000 करोड़ रूपये खर्च हुए थे 

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