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निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र, इस सांसद पर की करवाई करने की मांग

भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखकर शशि थरूर की संसद सदस्यता खत्म करने की मांग की है.

Updated on: 27 May 2021, 12:11 AM

दिल्ली :

भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखकर शशि थरूर की संसद सदस्यता खत्म करने की मांग की है. उन्होंने कांग्रेस सांसद और सूचना प्रौद्योगिकी मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर पर देश के अपमान और छवि खराब करने की कोशिश का आरोप लगाया है.  निशिकांत दुबे ने स्पीकर को लिखे पत्र में कहा कि भारत सरकार ही नहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कोरोना वेरिएंट बी 1.617 को भारतीय वेरिएंट नहीं माना है. इसके बावजूद थरूर ने ट्वीट में इसे भारतीय वेरिएंट कहा है. 

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने पत्र में लिखा है कि यह समझ के परे है कि एक भारतीय सांसद ऐसे अवैज्ञानिक और भारतीयों के प्रति अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल कैसे कर सकता है? उन्होंने कहा कि कोरोना वेरियंट बी-1.617 को थरूर ने भारतीय वेरिएंट बताकर संसद और देश का अपमान किया है. संविधान की 10वीं अनुसूची में ऐसे मामलों में संलिप्ता पर लोकसभा की सदस्यता खत्म करने का प्रावधान है.

भाजपा संसद दुबे ने आरोप लगाया कि आईटी मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष थरूर टूलकिट विवाद मामले में भी ट्विटर से पूछने के बजाय केंद्रीय आईटी मंत्रालय से सवाल कर रहे हैं. ऐसा लगता है कि वह अपनी पार्टी और विदेशों में बैठे अपने गॉडफादर के इशारे पर सरकार के खिलाफ अपनी भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि संसद का विस्तार मानी जाने वाली स्थायी समिति को थरूर ने कांग्रेस पार्टी का विस्तार बना दिया है.

सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया है कि थरूर बतौर संसदीय समिति के अध्यक्ष के रूप में ऐसे मुद्दों को भी उठा रहे हैं जो इस समिति के अधिकार क्षेत्र के बाहर के हैं. वे सरकार के साथ संसद की फजीहत करने के लिए अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि थरूर को देश की नहीं अपने राजनीतिक आकाओं के हितों की चिंता है. वे राहुल गांधी का एजेंडा लागू करने के लिए देश को बदनाम कर रहे हैं. ऐसे शरारती तत्व को संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष पद पर बरकरार रखना देश के लोकतंत्र के लिए बहुत घातक होगा। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से थरूर को आइटी समिति के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के साथ सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित करने की मांग की है.