100 सालों की सबसे बड़ी बाढ़ की मार झेल रहे केरल में बचाव का काम अभी भी जारी है। आज यानी शुक्रवार को केंद्रीय रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण केरल जाकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगी। इसके साथ ही बाढ़ से हुए नुकसान का भी जायजा लेंगी। इससे पहले केंद्रीय रक्षामंत्री कर्नाटक के बाढ़ और भूस्खलन की चपेट में आए कोडागू जिले का दौरा किया। कोडागू की डिप्टी कमिश्नर श्रीविद्या पीआई भी उनके साथ मौजूद थीं।
370 से ज्यादा लोगों की अबतक मौत
बता दें कि केरल में बाढ़ से अबतक 370 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। वहीं, 12 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं जो 3,314 राहत शिविरों में शरण ले रखे हैं। केंद्र सरकार ने केरल को 500 करोड़ रुपए की मदद की है। इसके साथ कई राज्यों ने केरल के मदद के लिए आर्थिक मदद के लिए आगे आए है। देश के कोने-कोने से केरल के लिए राहत सामाग्री पहुंच रहे हैं।
और पढ़ें : केरल बाढ़ : राज्य सरकार ने SC में तमिलनाडु के खिलाफ केस दर्ज किया, यूरोपीय संघ ने की मदद
इसके साथ ही संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने बाढ़ प्रभावित केरल में राहत कार्य के लिए मंगलवार को 10 करोड़ डॉलर (तकरीबन 700 करोड़ रुपये) की मदद की पेशकश की। जिसे केंद्र सरकार ने लेने से इंकार कर दिया। हालांकि सीएम पिनराई विजयन यूएई से मदद लेने के लिए केंद्र सरकार से अपील कर रहे हैं।
पाकिस्तान ने भारत की मदद की पेशकश की
पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान ने केरल में आए भयानक बाढ़ में पीड़ितों की मदद की पेशकश की है। उन्होंने सोशल मीडिया ट्विटर पर मदद की पेशकश करते हुए लिखा, 'पाकिस्तान की जनता की तरफ से हम केरल में बाढ़ से बर्बाद हुए लोगों के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। हम केरल के बाढ़ पीड़ितों की मदद की भी कामना करते हैं। हम इस परिस्थिति में हर जरूरू मानवीय सहायता के लिए तैयार हैं।'
देश की अन्य ताज़ा खबरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें... https://www.newsstate.com/india-news
केरल में बाढ़ क्यों आई इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है। केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि तमिलनाडु सरकार द्वारा मुल्लापेरियर बांध से अचानक पानी छोड़ना भी राज्य में आई भीषण बाढ़ का एक प्रमुख कारण रहा।
और पढ़ें : केरल ने बाढ़ के लिए तमिलनाडु को ठहराया जिम्मेदार, केंद्र सरकार बाढ़ग्रस्त राज्य को और देगी सहायता
मुल्लापेरियर बांध से पानी छोड़ने से आई बाढ़
मुख्य सचिव द्वारा दायर एक हलफनामे में, केरल सरकार ने कहा कि चूंकि मुल्लापेरियर बांध में जलस्तर 137 फीट को पार कर गया था, उसके बाद केरल के अधिकारियों ने बांध के पास रहने वाले लोगों को युद्धस्तर पर वहां से हटाया था। हलफनामे में कहा गया कि केरल की लगभग 3.48 करोड़ की कुल आबादी में से 54 लाख से अधिक लोग या कुल आबादी का छठा हिस्सा बाढ़ से सीधे प्रभावित हुआ है।
यातायात सेवा बहाल
इसके साथ ही केरल में यातायात सेवा भी बहाल होने लगी है। बाढ़ के कारण खराब हुई पटरियों को ठीक कर लिया गया है और राज्य के सभी प्रमुख मार्गो पर रेल सेवाएं बहाल कर दी गई है।
देखें वीडियो : केरल में बाढ़ का पानी हो रहा है कम, फिर से खड़े होने की है राज्य के सामने चुनौती
Source : News Nation Bureau