बहुत से देश खरीदना चाहते हैं भारतीय मिसाइलें- निर्मला सीतारमण
रक्षा मंत्री का यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि पारंपरिक तौर पर भारत विदेशी हथियारों पर निर्भर हैं. हमारे पास मौजूद 50 फीसदी सैन्य हार्डवेयर विदेशी हैं
नई दिल्ली:
A-SAT मिसाइल (A-SAT Missile) से अंतरिक्ष में सैटेलाइटों को मार गिराने के सफल परीक्षण के बाद दुनिया में भारत की साख और धाक बढ़ गई है. भारत लगातार रक्षा के मामलों में अपनी ताकत में इजाफा और घरेलू रक्षा उत्पादों पर तेजी से काम कर रहा है. ऐसे में दुनिया की नजर अब भारत की तेज तर्रार स्वदेशी मिसाइलों पर है. इतना ही नहीं कई देश अब भारत की मिसाइलों को अपने बेड़े में शामिल करना चाहते हैं. इसके लिए बहुत सारे देश भारतीय मिसाइलों की मांग कर रहे हैं. इस बात की जानकारी खुद रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने दी. उन्होंने कहा कि भारत के पास घरेलू रक्षा उत्पादों की बिक्री के लिए प्रयाप्त निर्यात क्षमता है.
यह भी पढ़ें- भारत ने अंतरिक्ष में हासिल की बहुत बड़ी उपलब्धि, जानें A-SAT की खूबियां
रक्षा मंत्री का यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि पारंपरिक तौर पर भारत विदेशी हथियारों पर निर्भर हैं. हमारे पास मौजूद 50 फीसदी सैन्य हार्डवेयर विदेशी हैं.
विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा, 'आप एकीकृत मिसाइल कार्यक्रम के बारे में बात कीजिए, जिसके परिणामस्वरूप बहुत कुछ प्राप्त हुआ है, आज कई देशों को मिसाइल चाहिए. मैं ये बताना चाहतीं हूं कि हमारे पास भारतीय सशस्त्र बलों के अलावा भी एक बाजार मौजूद है.'
यह भी पढ़ें- ASAT टेस्ट पर पेंटागन ने फिर किया भारत का समर्थन, कहा- इस वजह से किया टेस्ट
निर्मला सीतारमण ने कहा कि बहुत से देश भारत के साथ किसी तरह जुड़ना चाहते हैं और वह भारत से हथियार खरीदना चाहते हैं. भारत के पास कई प्रकार के उपकरणों के निर्यातक होने की अपार संभावनाएं हैं. रक्षा मंत्री ने कहा, 'मैं यहां तक भी कह सकती हूं कि हमारे पास एक युद्धपोत निर्माण करने की क्षमता है. हमारी इस क्षमता को दुनिया बहुत अच्छी तरह से जानती है. बहुत से ऐसे देश हैं जो कह रहे हैं, हमें वह क्षमता देने में हमारी मदद करें.'
यह भी पढ़ें- आखिर कैसे पहुंचे अभिनंदन भारत? और पाक में क्या-क्या हुआ विंग कमांडर के साथ?
रक्षामंत्री ने एयरोस्पेस पीएसयू का उदाहरण देते हुए एचएएल से भारत को रक्षा उत्पादों का निर्यातक बनाने के लिए सुझाव देने के लिए कहा. सीतारमण ने जोर देते हुए कहा कि भारत को निर्यातक बनने के लिए एक लॉन्ग टर्म प्लान की जरूरत है. उन्होंने सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिल लिमिटेड (एचएएल) का उदाहरण देते हुए कहा, 'मैं उन्हें (निर्यात बढ़ाने पर) बताती रहती हूं, आपको वायुसेना के समय पर भुगतान नहीं करने को लेकर शिकायतें हैं. लेकिन आपके समय पर सप्लाई न करने को लेकर भी विवाद है.'
रक्षा मंत्री के मुताबिक, एचएएल की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के बावजूद वायुसेना के पहले से लिए गए ऑर्डरों को पूरा करने में अभी काफी समय लग सकता है.
यह वीडियो देखें-
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Kajol Workout Routine: 49 की उर्म में ऐसे इतनी फिट रहती हैं काजोल, शेयर किया अपना जिम रुटीन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी